रांची: 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है. लिहाजा पार्टी अपनी तैयारियों को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसी क्रम में बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस के पार्लियामेंट्री अफेयर्स कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, कार्यकारी अध्यक्षों, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक के साथ खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बैठक कर रहे हैं. बैठक में केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय भी मौजूद हैं.
दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मिशन 2024 की तैयारी को लेकर मंत्रणाः AICC के राष्ट्रीय मुख्यालय में हो रही इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विस्तृत चर्चा हो रही है. झारखंड में पार्टी की मिशन 2024 को लेकर संगठनात्मक तैयारी और कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक-एक सीट पर कांग्रेस और महागठबंधन की मजबूती और कमजोरी का आकलन किया जा रहा है. झारखंड कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता दिल्ली में हो रही मैराथन बैठक में शामिल हैं. बैठक इस मायने में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद कांग्रेस 2024 मिशन के किस रणनीति के तहत आगे बढ़ेगी यह साफ हो जाएगा.
बैठक में झारखंड से ये कांग्रेस नेता हुए हैं शामिलः मिशन 2024 को लेकर के कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ झारखंड कांग्रेस के प्रदेश राजेश ठाकुर, तीन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, प्रदीप बलमुचू, डॉ अजय कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा, कांग्रेस कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में शामिल चारों मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख शामिल हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के चारों कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, बंधु तिर्की और गीता कोड़ा भी बैठक में शामिल हैं. इनके साथ-साथ पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, विधायक प्रदीप यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी भी बैठक में शामिल हुए.
लोकसभा चुनाव में ड्राइविंग सीट पर कांग्रेस ही रहेगी या होगा बदलावः झारखंड में कांग्रेस हेमंत सोरेन सरकार में साझीदार है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका में थी, जबकि विधानसभा चुनाव में झामुमो महागठबंधन में ड्राइविंग सीट पर था. क्या इस बार भी 2019 की तर्ज पर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा या फिर कुछ बदलाव जरूरी हैं इस पर भी कांग्रेस की हाई प्रोफाइल मीटिंग में चर्चा हो रही है. इसके साथ-साथ 2019 में झारखंड में तीन दलों कांग्रेस, झामुमो और राजद का गठबंधन था. अब केंद्र की सत्ता से भाजपा को 2024 में बेदखल करने के लिए INDIA का गठन हुआ है. ऐसे में राज्य में जदयू, आप और वाम दलों की ताकत और उनके हक पर भी चर्चा हो रही है. कांग्रेस चाहती है कि इसी महीने के अंत मे मुंबई में होनेवाली INDIA दलों की अहम बैठक से पहले AICC सभी राज्यों से राज्यवार अपनी मजबूती, कमजोरी और सीट शेयरिंग को लेकर एक खाका तैयार रखे. इसका फायदा पार्टी को यह होगा कि जब INDIA दलों की बैठक होगी तो पार्टी अपनी बात मजबूती से सहयोगी दलों के समक्ष रखने में सक्षम होगी.
लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर मंत्रणाः झारखंड में लोकसभा चुनाव के सीटों को लेकर के जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं के पूर्व के बयान आते रहे हैं और सहयोगी झामुमो भी कांग्रेस की विनिंग पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा सीट पर इशारों-इशारों में दावेदारी करता रहा है उस पर भी हाई कमान से एक दिशा-निर्देश झारखंड कांग्रेस के नेता जरूर लेना चाहेंगे. झारखंड में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सबसे पहले कांग्रेस ने ही बयान दिया था और झारखंड में कुल 09 सीटों पर 2019 की तरह दावा भी ठोक दिया था. अब इस विषय पर एक मंथन जरूर चल रहा है कि झारखंड में कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ाने का अपना पक्ष झारखंड कांग्रेस हाईकमान के सामने रख पाती है. ऐसे तमाम विषयों को लेकर दिल्ली में झारखंड कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन जारी है और यह बैठक राज्य में इंडिया गठबंधन की आगे की राह तय करेगा.