रांची: देशभर के 15 विपक्षी दलों के 27 नेताओं की पटना में हुई बैठक से झारखंड कांग्रेस को भी लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है. वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में झारखंड में भाजपा-आजसू के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के बावजूद महागठबंधन दलों की करारी हार हुई थी. ऐसे में जब आज देशभर में भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है, तो झारखंड कांग्रेस को लगता है कि इससे जो माहौल बनेगा, उसका लाभ 2024 के चुनाव में महागठबंधन को राज्य में मिलेगा और नतीजा 2019 के उलट होगा.
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2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का मजबूत गठबंधन भी मोदी मैजिक के सामने धराशायी हो गया था. झाविमो और राजद का लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खुला था. वहीं झामुमो राजमहल और कांग्रेस पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा सीट ही जीत पाई थी. तब राज्य के 14 में से 12 सीटों पर एनडीए (भाजपा 11,आजसू 01) ने जीत हासिल की थी. अब पटना की बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस को उम्मीद जगी है. कांग्रेस को लगता है कि जब विपक्षी दलों की एकजुटता से भाजपा के खिलाफ राष्ट्रव्यापी माहौल बनेगा तो उसका फायदा झारखंड में भी कांग्रेस और महागठबंधन में शामिल दलों को मिलेगा.
'विपक्षी दलों का कुनबा और बढ़ेगा- शहजादा अनवर': झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि 2024 भाजपा के लिए मुश्किल भरा होगा. उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियां दूसरी हैं, इसलिए पटना मीटिंग इस मायने में ऐतिहासिक रहा. भाजपा की तानाशाही के खिलाफ इतने सारे दलों का एक साथ आना काफी अहम है. इसे बहुत बड़ी राजनीतिक घटना कहा जा सकता है. विपक्षी दलों की बैठक से उत्साहित शहजादा अनवर ने कहा कि अभी 15 विपक्षी दल एकजुट हुए हैं. कई और छोटे दल कांग्रेस आलाकमान के संपर्क में हैं और पूरी उम्मीद है कि विपक्षी दलों का कुनबा और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक और ज्यादा भव्य होगी.
'झारखंड पर ऐसे पड़ेगा असर': प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि यह ठीक है कि 2019 में महागठबंधन बनाकर चुनाव में उतरने के बावजूद हमारी हार हुई थी, लेकिन इस बार परिस्थितियां दूसरी हैं. जब राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ मजबूत विकल्प बनेगा तो उसका राष्ट्रव्यापी मैसेज जाएगा और उसका मनोवैज्ञानिक असर होगा. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए मुश्किल भरा होगा. जिसका फायदा झारखंड में कांग्रेस और महागठबंधन के दलों को भी मिलेगा.