रांची: 20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के बीच तकरार जारी है. अंदरूनी कलह से जूझ रही झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) ने 20 सूत्री गठन में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों और कांग्रेस 20 सूत्री निगरानी कमेटी सदस्यों की शनिवार को बैठक हुई. करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में सत्तारूढ़ तीनों दलों के बीच 20 सूत्री कमेटी गठन के लिए 72 घंटे के अंदर सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) समन्वय बनाकर कोई फॉर्मूला तय करने की मांग की गई.
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72 घंटे का अल्टीमेटम
राज्य में 20 सूत्री कमेटी गठन को लेकर सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के बीच अब तक फॉर्मूला तय नहीं होने के कारण तकरार जारी है. अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस ने 20 सूत्री गठन में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों और कांग्रेस 20 सूत्री निगरानी कमेटी सदस्यों की शनिवार को बैठक हुई. करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक में सत्तारूढ़ तीनों दलों के बीच 20 सूत्री कमेटी गठन के लिए 72 घंटे के अंदर समन्वय बनाकर कोई फॉर्मूला तय करने की मांग की गई.
फॉर्मूला तय करने पर जोर
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, शमशेर आलम आदि शामिल थे. बैठक में 20 सूत्री निगरानी समिति में शामिल होने की चाहत रख रहे कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं के नामों पर भी चर्चा हुई. बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सत्तारूढ़ दलों द्वारा जल्द ही कोई फॉर्मूला तय होगा उसके बाद कमेटी में शामिल लोगों के नाम की घोषणा की जायेगी.
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सत्तारूढ़ दलों में 20 सूत्री को लेकर मारामारी
सत्तारूढ़ दलों में 20 सूत्री निगरानी समिति में शामिल होने को लेकर मारामारी है. हर दल अधिक से अधिक जगह पाने की कोशिश में है. यही वजह है कि अब तक मामला उलझा हुआ है. यही एक व्यवस्था है जिसके जरिए सत्तारूढ़ दल बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को कमेटी में जगह देकर संतुष्ट करती है. इधर कहा जा रहा है कि 20 सूत्री को लेकर जो फार्मूला तैयार हुआ है उससे कांग्रेस और राजद को स्वीकार नहीं है.
आरपीएन सिंह के दौरे का इंतजार
झारखंड मुक्ति मोर्चा को 13 जिला, कांग्रेस को 08 और राजद को 1 जिला देने की बात है. 02 जिला पर कांग्रेस झामुमो का साझा रुप से रहेगा जो कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है. कांग्रेस 10 जिले की मांग कर रहा है. इसके अलावे जिला को लेकर भी सत्तारूढ़ दल में समन्वय अब तक नहीं बन पाया है. हालांकि संभावना यह जताई जा रही है कि अंतिम मुहर कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के रांची दौरे पर आते ही लग जायेगी. आरपीएन सिंह के 4 अगस्त को आने की संभावना है.
हजारों कार्यकर्ताओं को उम्मीद
जानकारी के मुताबिक राज्य स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक में 20 सूत्री और निगरानी कमेटी में 2,626 कार्यकर्ताओं का समावेश होगा इसके अलावे सभी दलों के विधायक अपने अपने क्षेत्र में पदेन सदस्य के रुप में समिति में रहेंगे. कांग्रेस के खाते में जो जिले आ रहे हैं उसमें पलामू, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, लोहरदगा शामिल है. वहीं, राजद खाते में चतरा शामिल है. धनबाद और रांची को लेकर अभी तय होना बाकी है. खूंटी सहित शेष 13 जिले झामुमो के खाते में होने की संभावना है.