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बिना टेंडर प्लास्टिक ड्राम वितरण में करोड़ों का घोटाला, कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कृषि मंत्री से की जांच की मांग - रांची समाचार

हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी (Hanumant Associates Company) ने कृषि विभाग (Agriculture Department) के अतर्गत किसानों के बीच प्लास्टिक ड्राम का वितरण किया था. इस मामले में कंपनी पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगा है. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) से मुलाकात की है और मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कार्रवाई नहीं किए जाने पर 29 जुलाई को सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

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कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कृषि मंत्री से की मुलाकात
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Published : Jul 26, 2021, 6:16 PM IST

रांची: कृषि विभाग के अंतर्गत हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी (Hanumant Associates Company) ने किसानों के बीच प्लास्टिक ड्राम का वितरण किया था. कंपनी पर ड्राम का वितरण के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि का गबन का आरोप लगा है. इस मामले की जांच को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) से मुलाकात की. उन्होंने कहा है कि अगर मामले में उच्चस्तरीय विभागीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं शुरू की जाती है, तो रांची के नेपाल हाउस स्थित कृषि मंत्री के कार्यालय के सामने 29 जुलाई को हाथों में तख्तियां लेकर एक घंटे का सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कृषि विभाग के अंतर्गत ओफार्ज के माध्यम से परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी को काम करने का आदेश दिया गया था, जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए किसानों को मदद करने और पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से 5 जिलों के करीब 41 हजार किसानों के बीच 200 लीटर क्षमता वाली प्लास्टिक ड्राम, वेस्ट डिक्पोजर और गुड़ का वितरण किया जाना था, करीब 6 करोड़ 19 लाख का यह कार्य बिना निविदा के हनुमंत एसोसिएटस, करम चौक विद्यानगर हरमू को दिया गया था, कंपनी को राज्य के 5 जिलों रांची, हजारीबाग, रामगढ़, देवघर और सरायकेला-खरसावां के 59 प्रखंडों में करीब 41 हजार 300 किसानों के बीच यह सामग्री के वितरण करने का कार्य दिया गया था, लेकिन इसमें भारी अनियमितता बरती गई है, इसलिए जांच जरूरी है.


प्रत्येक प्रखंडों में लगभघ 700 किसानों को देना था सामग्री


वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि कंपनी को प्रत्येक प्रखंड में करीब 700 किसानों को सामग्री देना था, प्रत्येक किसान को दिए जाने वाले सामग्री की कुल कीमत 1500 रुपए था, इस तरह 41 हजार 300 किसानों के बीच सामाग्री बांटने का कुल खर्च 6 करोड़ 19 लाख 50 हजार रुपए हुआ, इस कार्य के लिए कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी, लेकिन काम हनुमंत एसोसिएट्स को दे दिया गया, जिसके पास कार्य का कोई अनुभव भी नहीं था. उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स द्वारा 200 लीटर क्षमता वाली महालक्ष्मी इंडिस्ट्री, नागपुर की जिस प्लास्टिक ड्राम की कीमत 1399.48 रुपए वसूली गई है, उस प्लास्टिक ड्राम की कीमत आज तीन साल बाद भी प्रति इकाई खुले बाजार में रिटेल में मात्र 700 रुपए है.

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नहीं मिला किसानों को योजना का लाभ

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स ने किसानों के बीच सामग्री का वितरण नहीं के बराबर किया, कुछ प्रखंडों में दिखावे के लिए 20-30 किसानों के बीच सामग्री का वितरण किया गया. उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स के संचालक द्वारा घर बैठे बिल पर अपने कर्मचारियों से किसानों के नाम पर फर्जी अंगूठा या फिर हस्ताक्षर करवा कर कृषि विभाग का करीब 6 करोड़ रुपए का बंदरबांट कर लिया, कंपनी ने कागजों में ही काम कर करोड़ों की राशि का गबन कर लिया, जिससे योजना का लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पाया.

कृषि मंत्री ने जांच का दिया आश्वासन


वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कांग्रेस नेताओं को आश्वस्त किया है कि उनके उठाए गए मुद्दों पर जांच के लिए विभागीय सचिव को पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कृषि विभाग में किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार के मामलों पर कोताही नहीं बरती जाएगी और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को बख्शे नहीं जाएगा.

रांची: कृषि विभाग के अंतर्गत हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी (Hanumant Associates Company) ने किसानों के बीच प्लास्टिक ड्राम का वितरण किया था. कंपनी पर ड्राम का वितरण के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि का गबन का आरोप लगा है. इस मामले की जांच को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Agriculture Minister Badal Patralekh) से मुलाकात की. उन्होंने कहा है कि अगर मामले में उच्चस्तरीय विभागीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं शुरू की जाती है, तो रांची के नेपाल हाउस स्थित कृषि मंत्री के कार्यालय के सामने 29 जुलाई को हाथों में तख्तियां लेकर एक घंटे का सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि कृषि विभाग के अंतर्गत ओफार्ज के माध्यम से परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत हनुमंत एसोसिएट्स कंपनी को काम करने का आदेश दिया गया था, जिसमें वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए किसानों को मदद करने और पैदावार बढ़ाने के उद्देश्य से 5 जिलों के करीब 41 हजार किसानों के बीच 200 लीटर क्षमता वाली प्लास्टिक ड्राम, वेस्ट डिक्पोजर और गुड़ का वितरण किया जाना था, करीब 6 करोड़ 19 लाख का यह कार्य बिना निविदा के हनुमंत एसोसिएटस, करम चौक विद्यानगर हरमू को दिया गया था, कंपनी को राज्य के 5 जिलों रांची, हजारीबाग, रामगढ़, देवघर और सरायकेला-खरसावां के 59 प्रखंडों में करीब 41 हजार 300 किसानों के बीच यह सामग्री के वितरण करने का कार्य दिया गया था, लेकिन इसमें भारी अनियमितता बरती गई है, इसलिए जांच जरूरी है.


प्रत्येक प्रखंडों में लगभघ 700 किसानों को देना था सामग्री


वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि कंपनी को प्रत्येक प्रखंड में करीब 700 किसानों को सामग्री देना था, प्रत्येक किसान को दिए जाने वाले सामग्री की कुल कीमत 1500 रुपए था, इस तरह 41 हजार 300 किसानों के बीच सामाग्री बांटने का कुल खर्च 6 करोड़ 19 लाख 50 हजार रुपए हुआ, इस कार्य के लिए कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी, लेकिन काम हनुमंत एसोसिएट्स को दे दिया गया, जिसके पास कार्य का कोई अनुभव भी नहीं था. उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स द्वारा 200 लीटर क्षमता वाली महालक्ष्मी इंडिस्ट्री, नागपुर की जिस प्लास्टिक ड्राम की कीमत 1399.48 रुपए वसूली गई है, उस प्लास्टिक ड्राम की कीमत आज तीन साल बाद भी प्रति इकाई खुले बाजार में रिटेल में मात्र 700 रुपए है.

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नहीं मिला किसानों को योजना का लाभ

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स ने किसानों के बीच सामग्री का वितरण नहीं के बराबर किया, कुछ प्रखंडों में दिखावे के लिए 20-30 किसानों के बीच सामग्री का वितरण किया गया. उन्होंने कहा कि हनुमंत एसोसिएट्स के संचालक द्वारा घर बैठे बिल पर अपने कर्मचारियों से किसानों के नाम पर फर्जी अंगूठा या फिर हस्ताक्षर करवा कर कृषि विभाग का करीब 6 करोड़ रुपए का बंदरबांट कर लिया, कंपनी ने कागजों में ही काम कर करोड़ों की राशि का गबन कर लिया, जिससे योजना का लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पाया.

कृषि मंत्री ने जांच का दिया आश्वासन


वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कांग्रेस नेताओं को आश्वस्त किया है कि उनके उठाए गए मुद्दों पर जांच के लिए विभागीय सचिव को पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कृषि विभाग में किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार के मामलों पर कोताही नहीं बरती जाएगी और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को बख्शे नहीं जाएगा.

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