रांची: कांग्रेस की 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज हो गई है. झारखंड कांग्रेस इन दिनों पंचायत स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के जिम्मे छह-छह जिले में संगठन विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें जमीनस्तर से पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
संगठन सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के प्रभार वाले छह जिले खूंटी, लोहरदगा, दुमका, गुमला, पश्चिम सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम है. इन क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने को लेकर जिलों के जिलाध्यक्ष, विधानसभा के प्रभारी, प्रदेश स्तर के महासचिव और सचिव के साथ शनिवार (9 सितंबर) को बैठक बुलाई गई थी. प्रदेश मुख्यालय में बुलाई गई बैठक में चार जिलों के जिलाध्यक्ष तो पहुंचे थे. वहीं बिना कोई पूर्व सूचना के दुमका और लोहरदगा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष नहीं पहुंचे. ऐसे में बैठक के दौरान ही कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के आग्रह पर प्रदेश अध्यक्ष ने शो कॉज जारी कर दिया है.
दो दिनों के अंदर सौंपनी है रिपोर्ट: संगठन सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत की बैठक के माध्यम से सभी जिलों के जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया कि जिला स्तर से लेकर, मंडल और पंचायत स्तर पर जो भी कमिटियां पिछले दिनों गठित की गई है, सबके सत्यापन करने को निर्देश दिया गया है. जिलाध्यक्ष, विधानसभा वार सचिव, महासचिव आपसी समन्वय बनाकर दो दिनों के अंदर जिला कमिटी, मंडल कमिटी, पंचायत कमिटी का खुद सत्यापन करने का निर्देश दिया गया. दो दिनों में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. कार्यकारी अध्यक्ष ने आगाह किया कि कमिटियों का सत्यापन भी टेबल वर्क की तरह नहीं होनी चाहिए. जिला और विधानसभा के प्रभारी को भी प्रखंड और पंचायत स्तर पर जाकर निश्चिंत होने को कहा गया है कि कमिटियां कागजी तो नहीं बनी है.
निष्क्रिय पदाधिकारियों की जरूरत नहीं: संगठन सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत छह जिलों की पहली बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि आनेवाले दिनों में भाजपा जैसी सशक्त पार्टी से मुकाबला कांग्रेस को करना है. ऐसे में निष्क्रिय पदाधिकारियों को एक मौका सक्रिय होने के लिया दिया जाएगी. इसके बाद भी उनमें बदलाव नहीं हुआ तो निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया भी जाएगा. बैठक में अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, प्रदेश महासचिव अमूल्य नीरज खलखो, अजय नाथ शाहदेव सहित बंधु तिर्की के प्रभार वाले छह में से चार जिलों के जिलाध्यक्ष और उन जिले के अंतर्गत आनेवाले विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी शामिल थे.