रांची: बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में शिकस्त देने के लिए पटना में शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक हो रही है. इस महाजुटान में जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी के शामिल होने की संभावना है, वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी शिरकत करेंगे. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार सुबह रांची से पटना के लिए रवाना होंगे और देर शाम रांची लौट आएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर गैर भाजपा नेताओं के इस महाजुटान में बतौर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन शिरकत करेंगे और लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीटों को जीतने के लिए बनाये गए फॉर्मूला से अवगत कराएंगे. जानकारी के मुताबिक हेमंत सोरेन के द्वारा बैठक में जिन सीट पर जिन दलों की मजबूत स्थिति है उसे वहां से चुनाव लड़ने में सभी दलों को सहयोग करने की वकालत की जाएगी.
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पटना में 18 गैर भाजपा दलों की है बैठक: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पटना में बुलाई गई 23 जून की इस बैठक को अहम माना जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से भाजपा विरोधी 18 विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा होगा. जिसमें केंद्र की नीतियों और भाजपा के विरोध में होने वाली विपक्षी एकता को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में प्रमुख रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी के अलावा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद संजय सिंह, सांसद राघव चड्ढा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती सहित वामदल के कई नेता शामिल होने वाले हैं.
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस से राहुल गांधी, मलिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, सीएम एमके स्टालिन 23 जून को सुबह पटना पहुंचने वाले हैं. इधर पटना में होने वाले विपक्षी दलों की बैठक को सकारात्मक बताते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार को अगले लोकसभा चुनाव में सबक सिखाने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. उम्मीद है कि नीतीश कुमार की इस पहल का नतीजा अच्छा निकलेगा.
इधर, भारतीय जनता पार्टी ने पटना की बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस तरह से विपक्षी दलों के बीच आपसी खटास है, उससे एकजुटता की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी. क्योंकि इनका नेता कौन होगा इस विषय पर ही ये चुनाव से पहले ही उलझने लगे हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि जिस तरह से बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान हाल के दिनों में आया है उसे साफ जाहिर होता है कि विपक्षी एकता संभव नहीं है. बहरहाल लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षियों की हो रही गोलबंदी ने सियासी सरगर्मी को तेज कर दिया है जिसपर भाजपा की पैनी नजर है.