रांची: पिछले कुछ दिनों से अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है. रेलवे को निशाना बनाया जा रहा है. कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया है. बिहार में सबसे ज्यादा उपद्रव हो रहा है. इसकी आंच कई राज्यों तक फैल चुकी है. सिकंदराबाद में उपद्रव के दौरान एक शख्स की मौत भी हो चुकी है. झारखंड के जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, डालटेनगंज और देवघर में हंगामा हो चुका है.
इस योजना की अच्छाई और कमियों पर बहस छिड़ी हुई है. लिहाजा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस पर अपनी टिप्पणी देने में देरी नहीं की. लेकिन अग्निपथ योजना पर उनकी टिप्पणी उनको महंगी पड़ती दिख रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अग्निपथ योजना को लेकर एक ट्वीट किया है. सीएम ने लिखा है - बहाली अनुबंध पर एवं नाम अग्निवीर ! इस स्लोगन वीर सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? जागो भविष्य के कर्णधारों जागो !!! सीएम के इतना लिखने भर की देरी थी कि उनका मैसेज ट्रोल होने लगा.
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इस स्लोगनवीर सरकार से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ?
!!! जागो भविष्य के कर्णधारों जागो !!!
झारखंड सहायक पुलिस नाम के टि्वटर हैंडल से सीएम को टैग करते हुए लिखा गया है कि झारखंड सहायक पुलिस की बहाली तो अग्निवीर से भी खराब हुई है. मात्र 10,000 रुपए मानदेय मिलता है. झारखंड में हम सभी को अग्निवीर बनने से बचा लीजिए. पप्पू नामक शख्स ने लिखा है कि सहायक पुलिस की व्यवस्था तो रघुवर सरकार ने की थी. आपने वादा किया था कि सत्ता में आते ही उनको वाजिब हक दिलाएंगे लेकिन आप भी भूल गए.
धनबाद से पूजा ने लिखा है कि हेमंत है तो हिम्मत है का नारा लगाते ढाई साल गुजर गए लेकिन अभी तक गया पुल का दोहरीकरण और फ्लाईओवर नहीं बना. नीतीश ने लिखा है ....कहां गई 2 लाख नौकरी और कहां है बेरोजगारी भत्ता. सीएम को टैग करते हुए मोहम्मद इकबाल हुसैन नाम के एक शख्स ने लिखा कि औद्योगिक प्र.अधिकारी विज्ञापन 2022 स्थगित होने से CITS परीक्षणार्थियों का भविष्य बर्बाद होता नजर आ रहा है.
कई लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले उनके द्वारा की गई घोषणाओं की याद दिलाई है. उस समय अखबारों में छपे उनके वादों के स्क्रीनशॉट को भी साझा किया है.