रांचीः उत्तराखंड के चमोली में 23 अप्रैल को ग्लेशियर टूटा था, जिसमें झारखंड के 15 मजदूरों की मौत हो गई थी. ये सभी मजदूर बीआरओ में काम कर रहे थे, लेकिन उनके शवों को झारखंड भेजने के लिए बीआरओ की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है. बीआरओ की कार्यप्रणाली पर आपत्ति जातते हुए झारखंड सीएम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की.
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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर जानकारी दी है. सीएम ने कहा है कि 'उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ में काम कर रहे वीर श्रमिकों को हमने खो दिया. मृतकों को झारखंड भेजने के लिए बीआरओ द्वारा अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है.' इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की, तो उन्होंने बीआरओ की कार्यप्रणाली पर आक्रोश जताते हुए मदद का आश्वासन दिया है.
सीएम ने रक्षा मंत्री को लिखा पत्र
इसके साथ ही सीएम हेमंत सोरेन ने रक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा है. पत्र में कहा है कि 'अत्यंत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 23 अप्रैल को चमोली जिला के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से झारखंड के 15 मजदूरों की मौत हो गई. लेकिन बीआरओ द्वारा इन मृतकों के पार्थिक शरीर को उनके पैतृक गांव भेजने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.' सीएम ने आग्रह करते हुए कहा कि 'अधीनस्थ पदाधिकारियों को आदेश दें, ताकि मृतक का शव पैतृक गांव पहुंचे और परिजनों को अंतिम दर्शन हो सके.'