ETV Bharat / state

Jharkhand CM on Budget 2023: बजट पर बोले सीएम हेमंत, गरीबों की जेब काटकर पूंजीपतियों को सहूलियत - 2023 24 का आम बजट

आम बजट पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि यह बजट गरीबों की जेब काटकर पूंजीपतियों को सहूलियत देने वाला है, जिसमें झारखंड के लिए कोई खास प्रबंध नहीं है.

Jharkhand CM on Budget 2023
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
author img

By

Published : Feb 1, 2023, 9:21 PM IST

रांची: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश की गई आम बजट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. कोई इसकी सराहना कर रहा है तो कोई इसकी खामियों को गिना रहा है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 2023-24 के आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं. उन्होंने कहा जितनी उम्मीदें बजट से थी, यह ठीक उसके विपरित रहा.

ये भी पढ़ें: Jharkhand BJP Reaction on BUDGET: झारखंड बीजेपी के नेताओं ने कहा- आजादी के बाद का स्वर्णिम बजट

सीएम ने कोरोना काल के बाद के समय में प्रस्तुत इस साल के बजट से उनके जैसे करोड़ों आदिवासी, दलित, पिछड़े, किसान, युवा, महिला और मजदूर उम्मीद लगाये हुए थे. उम्मीद था कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जो कि कोरोना महामारी के समय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे, उसको लेकर विशेष प्रबंध किये जाएंगे. हमें उम्मीद थी कि जीएसटी कंपनसेशन के लिए समय बढ़ाया जाएगा लेकिन, आशा के विपरीत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण भारत की जीवन रेखा मनरेगा के बजट में कटौती की गई है.

एमएसपी की घोषणा मात्र से दोगुनी हो गई किसानों की आय-सीएम: मुख्यमंत्री ने कहा है कि नौकरी, रोजगार, मंहगाई आदि विषय पर बजट में चुप्पी है जो चिंताजनक है. विभिन्न कृषि उत्पादों पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं की गई है. मुझे तो लगता है कि केंद्र सरकार ने मान लिया है कि इनके घोषणा करने मात्र से ही किसानों की आय दो गुनी हो गयी है.

बजट में झारखंड के लिए कोई खास प्रबंध नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो झारखंड की नजर से इसमें अपने राज्य के लिए क्या किया गया है, वह ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. देश को प्रति किलोमीटर रेल पटरी के आधार पर सबसे ज्यादा मुनाफा कमा कर देने वाले हम हैं. ऐसे में यात्री रेल के परिचालन का दायरा बढ़ना चाहिए था, हमें नई रेल लाइन मिलनी चाहिए थी, नये ट्रेन मिलने चाहिए थे. एयरपोर्ट युग से किनका भला होगा वह हम समझते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यम वर्ग को सहारा देने के लिए भी शिगूफा मात्र छोड़ा गया है. सात लाख वाली नई टैक्स नीति से लोगों ने क्या खोया क्या पाया वह बाद में समझ में आएगा. बचत को हतोत्साहित करने वाला यह बजट गरीब और मध्यम वर्ग के भविष्य को भी असुरक्षित करने वाला है.

रांची: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश की गई आम बजट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. कोई इसकी सराहना कर रहा है तो कोई इसकी खामियों को गिना रहा है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 2023-24 के आम बजट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं. उन्होंने कहा जितनी उम्मीदें बजट से थी, यह ठीक उसके विपरित रहा.

ये भी पढ़ें: Jharkhand BJP Reaction on BUDGET: झारखंड बीजेपी के नेताओं ने कहा- आजादी के बाद का स्वर्णिम बजट

सीएम ने कोरोना काल के बाद के समय में प्रस्तुत इस साल के बजट से उनके जैसे करोड़ों आदिवासी, दलित, पिछड़े, किसान, युवा, महिला और मजदूर उम्मीद लगाये हुए थे. उम्मीद था कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जो कि कोरोना महामारी के समय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे, उसको लेकर विशेष प्रबंध किये जाएंगे. हमें उम्मीद थी कि जीएसटी कंपनसेशन के लिए समय बढ़ाया जाएगा लेकिन, आशा के विपरीत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण भारत की जीवन रेखा मनरेगा के बजट में कटौती की गई है.

एमएसपी की घोषणा मात्र से दोगुनी हो गई किसानों की आय-सीएम: मुख्यमंत्री ने कहा है कि नौकरी, रोजगार, मंहगाई आदि विषय पर बजट में चुप्पी है जो चिंताजनक है. विभिन्न कृषि उत्पादों पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं की गई है. मुझे तो लगता है कि केंद्र सरकार ने मान लिया है कि इनके घोषणा करने मात्र से ही किसानों की आय दो गुनी हो गयी है.

बजट में झारखंड के लिए कोई खास प्रबंध नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो झारखंड की नजर से इसमें अपने राज्य के लिए क्या किया गया है, वह ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. देश को प्रति किलोमीटर रेल पटरी के आधार पर सबसे ज्यादा मुनाफा कमा कर देने वाले हम हैं. ऐसे में यात्री रेल के परिचालन का दायरा बढ़ना चाहिए था, हमें नई रेल लाइन मिलनी चाहिए थी, नये ट्रेन मिलने चाहिए थे. एयरपोर्ट युग से किनका भला होगा वह हम समझते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यम वर्ग को सहारा देने के लिए भी शिगूफा मात्र छोड़ा गया है. सात लाख वाली नई टैक्स नीति से लोगों ने क्या खोया क्या पाया वह बाद में समझ में आएगा. बचत को हतोत्साहित करने वाला यह बजट गरीब और मध्यम वर्ग के भविष्य को भी असुरक्षित करने वाला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.