रांचीः सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये चाइल्ड पॉर्नोग्राफी परोसने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा लोगों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पैसे लेकर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी उपलब्ध करवाया जा रहा है. मामला सामने आने के बाद झारखंड सीआईडी तफ्तीश में जुट गई है.
बाल अधिकार कार्यकर्ता ने सीआईडी में की शिकायतः सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए चाइल्ड पॉर्नोग्राफी का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार टेलीग्राम एप के जरिए कई ग्रुप्स बनाकर चाइल्स पॉर्न कंटेट परोसा जा रहा है. राजधानी के कई लोग ऐसे कंटेंट खरीद भी रहे हैं. रांची के एक बाल अधिकार कार्यकर्ता के द्वारा इस मामले में स्टिंग कर इसका खुलासा किया गया है. इसके बाद इस मामले की जानकारी सीआईडी डीजी और सीआईडी के साइबर क्राइम थाने को दी गई. लिखित शिकायत दर्ज किए जाने के बाद अब सीआईडी पूरे मामले की जांच कर रही है. चाइल्ड पॉर्नोग्राफी परोसने के मामले में दिल्ली के सूर्या नाम के व्यक्ति की संलिप्तता बतायी जा रही है.
कैसे सामने आया मामलाः दरअसल रांची में कार्यरत एक बाल अधिकार कार्यकर्ता को यह जानकारी मिली थी कि टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइल्ड पॉर्न वीडियो एवं स्कॉट सर्विस के नाम से ओपन ग्रुप संचालित है. ग्रुप का सदस्य कोई भी व्यक्ति बन सकता है. बाल अधिकार कार्यकर्ता के अनुसार 28 अगस्त की सुबह 10.41 बजे उन्हें टेलीग्राम के इसी ओपन ग्रुप में मैसेज आया कि चाइल्ड सेक्स पॉर्नोग्राफी वीडियोज चाहिए क्या, जवाब में हां लिखने पर एक लिंक दिया गया. जिसमें डेमो वीडियो आया, इसके बाद 220 रुपये में 8000 से ज्यादा वीडियोज देने की बात कही गई. मामले की तह तक जाने के लिए बाल अधिकार कार्यकर्ता ने एक संस्था के द्वारा यूपीआई के जरिए ओपन ग्रुप वाले को पैसे का भुगतान कर दिया. जिसके बाद ओपन ग्रुप के द्वारा चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के छह लिंक भेजे गए.
सभी छह लिंक व कई मोबाइल नंबर जांच के दायरे मेंः मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल अधिकार कार्यकर्ता ने तुरंत सीआईडी डीजी से संपर्क कर लिखित रूप से शिकायत की, कार्यकर्ता के द्वारा सभी छह लिंक और मोबाइल नंबर सीआईडी को सौंपे गए हैं. सीआईडी अब पूरे मामले की जांच में जुटी है. अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि किसी सूर्या भाई नाम के व्यक्ति का मोबाइल नंबर 8287527671 और 8377892324 के जरिए टेलीग्राम एप चलाया जा रहा है. इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग को भी पत्राचार किया गया है.