रांची: झारखंड सीआईडी ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ऑनलाइन जीवी फुटबॉल बेटिंग के नाम पर देशभर में 222 से अधिक लोगों से 24 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके साइबर अपराधियों के साथ साथ, बीमा पॉलिसी के नाम पर 87 लाख की ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल्स को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. सबसे खास बात यह है कि सभी साइबर अपराधी राज्य के बाहर से गिरफ्तार किए गए हैं.
ये भी पढ़ें: Cyber Crime in Jharkhand: क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ा ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन गिरफ्तार, चेन्नई से सीआईडी ने पकड़ा
222 लोगों से 24 करोड़ की ऑनलाइन ठगी में दो गिरफ्तार: साइबर अपराधियों के द्वारा जीवी फुटबॉल डॉट कॉम नाम का वेबसाइट बनाकर फुटबॉल मैच पर ऑनलाइन बेटिंग की जाती थी. जिसमे रजिस्ट्रेशन के लिए टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल साइबर अपराधी करते थे. दिसंबर 2022 से मई 2023 तक जीवी फुटबॉल एप बनाकर भी रजिस्ट्रेशन के लिए 500 रुपये लोगों से लिए जाते थे. मुनाफे में निकासी का प्रावधान भी साइबर अपराधियों ने किया था. प्रत्येक 50 हजार की निकासी पर 12 प्रतिशत जीएसटी भी काटा जाता था, लेकिन कंपनी ने 27 अप्रैल के बाद निकासी पर रोक लगा दी. जबकि निवेश जारी रखा गया. इस मामले में रांची के विजय कुमार चौधरी ठगी के शिकार हुए थे.
जांच में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आई4 सी का सहयोग सीआईडी ने लिया. तब पाया गया कि मनीष इंटरप्राइजेज, गाजियाबाद ने फर्जी प्रोपराइटर फर्म बनाकर यह जालसाजी की थी. देशभर में 222 लोगों से कुल 24 करोड़ की ठगी का खुलासा सीआईडी ने किया. इस मामले में मनीष कुमार और अरुण कुमार की गिरफ्तारी गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र से हुई है. दोनों के पास से दो मोबाइल, कांड में प्रयुक्त बैंक खाते व दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
फर्जी तरीके से खाते में ट्रांसफर करवाए थे 87.29 लाख: वहीं, दूसरे मामले में सीआईडी के साइबर थाने में हटिया के बिंदेश्वरी सिंह ने 87.29 लाख रुपये के कई खातों में साइबर अपराधियों के द्वारा हस्तांतरण की शिकायत की थी. इस मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर सीआईडी ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके से लवकुश नाम के शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया. जांच में यह बात सामने आयी है कि एचडीएफसी के पॉलिसी के पूर्ण होने पर उस पॉलिसी के पैसे वापस करने के बदले मई 2022 से जनवरी 2023 तक वादी के बैंक आफ इंडिया के खाते से पैसे विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए गए थे. सीआईडी ने लवकुश को गिरफ्तार कर लैपटॉप व मोबाइल से साक्ष्य लिए हैं.
इनाम की घोषणा: सभी मामलों में अपराधियों तक पहुंचाने में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आई4सी की टीम की भी अहम भूमिका रही. सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता में छापेमारी टीम में शामिल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को पांच हजार और नीचे के अधिकारियों-कर्मियों को तीन हजार नकदी ईनाम देने की भी घोषणा की है.