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रांची में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत बैठक, मुख्य सचिव ने वायु प्रदूषण कम करने को लेकर दिए कई निर्देश

रांची में गुरूवार को झारखंड मंत्रालय में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस अवसर पर झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रीन हेजिंग के इस्तेमाल के बढ़ावे पर जोर दिया.

बैठक में मुख्य सचिव
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Published : Nov 1, 2019, 2:15 AM IST

रांची: राजधानी रांची में गुरूवार को झारखंड मंत्रालय में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस अवसर पर झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर कई निर्देश दिए. इस अवसर पर उन्होंने ग्रीन हेजिंग (तार या प्लास्टिक की जालीदार दीवार जिसपर हरी पत्तियों वाले पत्तर चढ़ते हैं) के इस्तेमाल पर जोर दिया.


रांची स्मार्ट सिटी की घेराबंदी
कार्यक्रम में मुख्य सचिव डीके तिवारी ने नगर विकास विभाग को रांची स्मार्ट सिटी की घेराबंदी ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया तो वहीं वन विभाग को भी प्रयोग के तौर पर हवाई अड्डा से लेकर प्रोजेक्ट भवन के बीच कहीं सड़क किनारे ग्रीन हेजिंग के इस्तेमाल का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें: राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक, राष्ट्रीय एकता दिवस पर 141 बंदियों को रिहा करने पर बनी सहमति


दूसरे शहरों में भी हो ग्रीन हेजिंग
उन्होंने कहा कि धूल कणों के प्रसार को रोकने का यह प्राकृतिक तरीका पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सौंदर्यीकरण का भी मॉडल बन सकता है. इसी तरह की ग्रीनवॉल धनबाद और अन्य शहरों में बनाई जाये, जहां की वायु में 2.5 और10 पीएम के कणों की मात्रा मानक से काफी अधिक है और आम जन वायु प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न आवासीय क्षेत्रों/कॉलोनी तथा प्रदूषित क्षेत्र जैसे खनन कार्य क्षेत्र, निर्माण कार्य क्षेत्र, बड़ी सड़कों के यातायात के क्षेत्र आदि के मध्य ग्रीनवॉल बनाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाना चाहिए.


वन विभाग को अपनी नर्सरी उन्नत करने का दिया निर्देश
मुख्य सचिव ने समय की मांग के अनुसार वन विभाग को अपनी नर्सरी को और उन्नत करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि नर्सरी में 10 फीट से ऊंचे ऐसे पौधे विकसित करें, जिसका रोपण कहीं भी आसानी से हो सके. बड़े पौधे होने से जानवरों के खाने का खतरा भी नहीं होता और इसे कम देखभाल की भी जरूरत होगी. नर्सरी के इन विकसित पौधों का अच्छा व्यावसायिक उपयोग भी हो सकता है.

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धनबाद में प्रदूषण कम करने के लिए राशि का आवंटन
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद को झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर माना है. देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 28 शहर ऐसे हैं, जिनका पीएम10 का मानक 90 चिह्नित किया गया है. उसमें धनबाद का पीएम 10 मानक 238 प्रतिवेदित है. इसे लेकर केंद्र सरकार ने धनबाद के पर्यावरण को सुधारने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है.

आवंटित राशि का ऐसे होगा उपयोग
मुख्य सचिव ने इस राशि का उपयोग धनबाद में खनन क्षेत्र और आबादी के बीच ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया. वहीं इस राशि से सड़क किनारे खाली जमीन पर वाहनों के जाने से घूल उड़ने की समस्या को दूर करने के लिए उस खाली जमीन पर पेवर ब्लॉक बनाने, पौधरोपण करने और नगर निगम को मैकेनिकल स्वीपर उपलब्ध कराने को कहा इसके तहत धनबाद के कतिपय स्थानों पर प्रदूषण स्तर जानने के लिए इंडिकेटर मशीन लगाने पर भी उन्होंने सहमति जतायी.

रांची: राजधानी रांची में गुरूवार को झारखंड मंत्रालय में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस अवसर पर झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर कई निर्देश दिए. इस अवसर पर उन्होंने ग्रीन हेजिंग (तार या प्लास्टिक की जालीदार दीवार जिसपर हरी पत्तियों वाले पत्तर चढ़ते हैं) के इस्तेमाल पर जोर दिया.


रांची स्मार्ट सिटी की घेराबंदी
कार्यक्रम में मुख्य सचिव डीके तिवारी ने नगर विकास विभाग को रांची स्मार्ट सिटी की घेराबंदी ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया तो वहीं वन विभाग को भी प्रयोग के तौर पर हवाई अड्डा से लेकर प्रोजेक्ट भवन के बीच कहीं सड़क किनारे ग्रीन हेजिंग के इस्तेमाल का निर्देश दिया.

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दूसरे शहरों में भी हो ग्रीन हेजिंग
उन्होंने कहा कि धूल कणों के प्रसार को रोकने का यह प्राकृतिक तरीका पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सौंदर्यीकरण का भी मॉडल बन सकता है. इसी तरह की ग्रीनवॉल धनबाद और अन्य शहरों में बनाई जाये, जहां की वायु में 2.5 और10 पीएम के कणों की मात्रा मानक से काफी अधिक है और आम जन वायु प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न आवासीय क्षेत्रों/कॉलोनी तथा प्रदूषित क्षेत्र जैसे खनन कार्य क्षेत्र, निर्माण कार्य क्षेत्र, बड़ी सड़कों के यातायात के क्षेत्र आदि के मध्य ग्रीनवॉल बनाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाना चाहिए.


वन विभाग को अपनी नर्सरी उन्नत करने का दिया निर्देश
मुख्य सचिव ने समय की मांग के अनुसार वन विभाग को अपनी नर्सरी को और उन्नत करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि नर्सरी में 10 फीट से ऊंचे ऐसे पौधे विकसित करें, जिसका रोपण कहीं भी आसानी से हो सके. बड़े पौधे होने से जानवरों के खाने का खतरा भी नहीं होता और इसे कम देखभाल की भी जरूरत होगी. नर्सरी के इन विकसित पौधों का अच्छा व्यावसायिक उपयोग भी हो सकता है.

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धनबाद में प्रदूषण कम करने के लिए राशि का आवंटन
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद को झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर माना है. देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 28 शहर ऐसे हैं, जिनका पीएम10 का मानक 90 चिह्नित किया गया है. उसमें धनबाद का पीएम 10 मानक 238 प्रतिवेदित है. इसे लेकर केंद्र सरकार ने धनबाद के पर्यावरण को सुधारने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है.

आवंटित राशि का ऐसे होगा उपयोग
मुख्य सचिव ने इस राशि का उपयोग धनबाद में खनन क्षेत्र और आबादी के बीच ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया. वहीं इस राशि से सड़क किनारे खाली जमीन पर वाहनों के जाने से घूल उड़ने की समस्या को दूर करने के लिए उस खाली जमीन पर पेवर ब्लॉक बनाने, पौधरोपण करने और नगर निगम को मैकेनिकल स्वीपर उपलब्ध कराने को कहा इसके तहत धनबाद के कतिपय स्थानों पर प्रदूषण स्तर जानने के लिए इंडिकेटर मशीन लगाने पर भी उन्होंने सहमति जतायी.

Intro:
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की हुई बैठक,धनबाद के खनन क्षेत्र व स्मार्ट सिटी की ग्रीन हेजिंग करने का निर्देश

रांची

झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने नगर विकास विभाग को रांची स्मार्ट सिटी की घेराबंदी ग्रीन हेजिंग (तार या प्लास्टिक की जालीदार दीवार जिसपर हरी पत्तियों वाले लत्तर चढ़ते हैं) से करने का निर्देश दिया है। वहीं वन विभाग को भी प्रयोग के तौर पर हवाई अड्डा से लेकर प्रोजेक्ट भवन के बीच कहीं प्रयोग के तौर पर सड़क किनारे ग्रीन हेजिंग का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि धूल कणों के प्रसार को रोकने का यह प्राकृतिक तरीका पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सुंदरीकरण का भी मॉडल बन सकता है। इसी तरह की ग्रीनवॉल धनबाद एवं अन्य शहरों में बनाई जाये, जहां की वायु में 2.5 तथा 10 पीएम के कणों की मात्रा मानक से काफी अधिक है और आम जन वायु प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न आवासीय क्षेत्रों/कॉलोनी तथा प्रदूषित क्षेत्र जैसे खनन कार्य क्षेत्र, निर्माण कार्य क्षेत्र, बड़ी सड़कों के यातायात के क्षेत्र आदि के मध्य ग्रीनवॉल बनाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाना चाहिए। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की संचालन समिति की बैठक में बोल रहे थे।

मुख्य सचिव ने समय की मांग के अनुसार वन विभाग को अपनी नर्सरी को और उन्नत और विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नर्सरी में 10 फीट से ऊंचे ऐसे पौधे विकसित करें, जिसका रोपण कहीं भी आसानी से हो सके। ऐसे पौधे कई जगह उगाए जा रहे हैं। बड़े पौधे होने से जानवरों के खाने का खतरा भी नहीं होता तथा कम देखभाल की भी जरूरत पड़ेगी। नर्सरी के इन विकसित पौधों का अच्छा व्यावसायिक उपयोग भी हो सकता है।

Body:धनबाद राज्य में सबसे ज्यादा प्रदूषित, होगा निराकरण
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद को झारखंड का सबसे प्रदूषित शहर माना है। देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 28 शहर ऐसे हैं, जिनका पीएम10 का मानक 90 चिह्नित किया गया है। उसमें धनबाद का पीएम10 मानक 238 प्रतिवेदित है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने धनबाद के पर्यावरण को सुधारने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि कर्णांकित की है। मुख्य सचिव ने इस राशि का उपयोग धनबाद में खनन क्षेत्र और आबादी के बीच ग्रीन हेजिंग से करने का निर्देश दिया। वहीं इस राशि से सड़क किनारे खाली जमीन पर वाहनों के जाने से घूल उड़ने की समस्या को दूर करने के लिए उस खाली जमीन पर पेवर ब्लॉक बनाने, पौधरोपण करने और नगर निगम को मैकेनिकल स्वीपर उपलब्ध कराने को कहा। इसके तहत धनबाद के कतिपय स्थानों पर प्रदूषण स्तर जानने के लिए इंडिकेटर मशीन लगाने पर भी उन्होंने सहमति जतायी।

मुख्य सचिव डीके तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न संचालन समिति की बैठक में नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह, परिवहन सचिव प्रवीण टोप्पो, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एके रस्तोगी, सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
Conclusion:
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