रांचीः सोमवार को झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपना 12वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर चेरी मनातु कैंपस में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्नीहोत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उन्होंने अपने बातें वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए रखी.
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विश्वविद्यालय को दी गईं शुभकामनाएं
प्रो. अग्निहोत्री ने कहा की एनईपी में स्थानीय भाषाओं को काफी महत्व दिया गया है, ताकि छात्रों को भाषाई परेशानी न हो. इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय को शुभकामनाएं दीं. कार्यक्रम में सीयूजे के पूर्व कुलपति एन मिश्रा ने कहा कि उन्होंने काफी नजदीक से विश्वविद्यालय को बढ़ते देखा है, आज खुशी है कि सीयूजे इस मुकाम पर पहुंचा है, अभी लंबा सफर तय करना है. जिसके लिए सभी को मिलकर बेहतर कार्य करने की जरूरत है.
नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से कर रहे लागू
स्थापना दिवस में अध्यक्षीय संबोधन सीयूजे के कुलपति प्रो. आरके डे ने दिया. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके सीयूजे ने शुरू किया है, जिसके लिए बाकायदा एक टीम भी बनाई गई है, जिसपर लगातार काम जारी है, आने वाले समय में विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए हर मुमकिन कोशिश जारी है.
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विद्यार्थियों के हित में लिया जाता है फैसला
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो एसएल हरिकुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन हमेशा शिक्षकों और कर्मचारियों के हित को देखते हुए कार्य करता है. आने वाले वर्षों में कोशिश होगी कि नए कैंपस में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं बहाल हो, जिसका लाभ कर्मचारियों और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा मिले. नए कैंपस में निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है.
संगीत कार्यक्रम का आयोजन
विश्वविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष एसके पांडे ने कहा कि लाइब्रेरी में छात्रों को बेहतर पुस्तकें सुविधाओं के साथ मिले. वहीं एकादमी डीन प्रो मनोज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए कार्य हम साल देखकर नहीं कर रहे हैं, अभी किए गए कार्यों को वर्षों तक याद किया जाएगा. समारोह के अंत में संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजित कार्यक्रम में सितारवादक पार्था बोस और तबलावादक दुर्जेय भौमिक ने प्रस्तुति दी, जिसे सुन सभी मंत्रुमग्ध हो गए.