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बजट सत्र हंगामेदार होने के आसार, विपक्ष के कड़े तेवर ने सत्ता पक्ष की बढ़ाई बेचैनी - झारखंड का बजट सत्र हंगामेदार होने की संभावना

26 फरवरी से 23 मार्च तक झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चलेगा, जिसमें 16 कार्य दिवस होंगे. इस दौरान सत्ता पक्ष विपक्ष के हर सवालों का जवाब देने के लिए तैयारी कर ली है. वहीं, विपक्ष सरकार के हर कमियों की पोल खोलने के लिए कमर कसकर तैयार है. ऐसे में सदन के हंगामेदार होने के आसार हैं.

Jharkhand budget session likely to be uproar
विपक्ष के कड़े तेवर ने सत्ता पक्ष को बढाई बेचैनी
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Published : Feb 24, 2021, 8:51 PM IST

रांची: 26 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा का बजट सत्र के दौरान एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष सदन में आमने-सामने होंगे. विपक्षी दल जहां सरकार की नाकामियों पर सदन में सत्तारूढ़ दल को घेरने की तैयारी में हैं, वहीं सत्तापक्ष विपक्ष की रणनीति को फेल करने में जुट गई है. बुधवार को सदन की तैयारी का खुद स्पीकर के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सेंट्रल हॉल का जायजा लिया.

प्रदीप यादव और विनोद सिंह का बयान

ये भी पढ़ें-झारखंड बजट 2021ः जानिए क्या है लातेहार के किसानों की उम्मीदें?

छात्र और बेरोजगार युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई सुझाव भी दिए, जिससे सदन की कार्यवाही के दौरान कोई परेशानी उत्पन्न ना हो. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सदन की व्यवस्था बनी रहे, इसे लेकर सभी सदस्य सहमत हैं और विपक्ष के हर प्रश्न का जवाब दिया जाएगा. इधर, विपक्ष सरकार की नाकामियों को गिनाने में जुट गई है. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने पिछले बजट में आवंटित राशि में से महज 38 फीसदी खर्च होने का आरोप लगाते हुए सरकार को पूरी तरह फेल होने का आरोप लगाया है. वहीं, माले विधायक विनोद सिंह ने छात्र और बेरोजगार युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. हालांकि, विधायक प्रदीप यादव सरकार के कामकाज पर संतुष्ट दिखे.

ये भी पढ़ें-बजट सत्र की तैयारी को लेकर स्पीकर ने अधिकारियों पर जताई नाराजगी, सदन में पूछे जा रहे प्रश्नों का नहीं मिला जवाब

इन मुद्दों को सदन में उठाने की है तैयारी

  • पिछले बजट में राशि खर्च नहीं किए जाने का मुद्दा
  • पिछले बजट में किए वादों को पूरा नहीं करना
  • विकास योजना की धीमी रफ्तार
  • पारा शिक्षकों की मांग को पूरा नहीं करना
  • गिरती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे सदन में छाए रहेंगे
  • बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने का मुद्दा

रांची: 26 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा का बजट सत्र के दौरान एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष सदन में आमने-सामने होंगे. विपक्षी दल जहां सरकार की नाकामियों पर सदन में सत्तारूढ़ दल को घेरने की तैयारी में हैं, वहीं सत्तापक्ष विपक्ष की रणनीति को फेल करने में जुट गई है. बुधवार को सदन की तैयारी का खुद स्पीकर के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सेंट्रल हॉल का जायजा लिया.

प्रदीप यादव और विनोद सिंह का बयान

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छात्र और बेरोजगार युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई सुझाव भी दिए, जिससे सदन की कार्यवाही के दौरान कोई परेशानी उत्पन्न ना हो. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि सदन की व्यवस्था बनी रहे, इसे लेकर सभी सदस्य सहमत हैं और विपक्ष के हर प्रश्न का जवाब दिया जाएगा. इधर, विपक्ष सरकार की नाकामियों को गिनाने में जुट गई है. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने पिछले बजट में आवंटित राशि में से महज 38 फीसदी खर्च होने का आरोप लगाते हुए सरकार को पूरी तरह फेल होने का आरोप लगाया है. वहीं, माले विधायक विनोद सिंह ने छात्र और बेरोजगार युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. हालांकि, विधायक प्रदीप यादव सरकार के कामकाज पर संतुष्ट दिखे.

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इन मुद्दों को सदन में उठाने की है तैयारी

  • पिछले बजट में राशि खर्च नहीं किए जाने का मुद्दा
  • पिछले बजट में किए वादों को पूरा नहीं करना
  • विकास योजना की धीमी रफ्तार
  • पारा शिक्षकों की मांग को पूरा नहीं करना
  • गिरती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे सदन में छाए रहेंगे
  • बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने का मुद्दा
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