रांचीः झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. तीन पन्नों का पत्र भेजकर सीएम हेमंत ने कैडर रुल्स ऑफ ऑल इंडिया सर्विस 1954 में संशोधन के प्रस्ताव का विरोध किया. इसको लेकर झारखंड भाजपा ने पीएम को लिखे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पत्र को राजनीति से प्रेरित बताया. बीजेपी प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ज्यादा प्रभावित हैं, जो आईएएस अधिकारियों को पार्टी का फ्रंटलाइन वर्कर मानती हैं, उसी तरह की सोच हेमंत सोरेन की है.
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सीएम हेमंत सोरेन ने कैडर रुल्स ऑफ ऑल इंडिया सर्विस 1954 में संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया. झारखंड बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पीएम को लिखी चिट्ठी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रभाव का हिस्सा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर राज्यों से प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाया जाता है ताकि केंद्र सरकार के विभागों को सफलतापूर्वक चलाया जा सके. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बेवजह राज्य की सरकारें प्रशासनिक अधिकारियों को विरमित नहीं करती. कई राज्यों में प्रशासनिक अधिकारी के इच्छा और केंद्र से मांगें जाने के बावजूद राज्य की सरकारें ऐसा नहीं करती इसलिए यह संशोधन लाया जा रहा है और यह राष्ट्रहित में है. प्रदीप वर्मा ने कहा कि जो लोग ऐसा सोचते हैं कि किसी गलत मंशा से संशोधन लाए जा रहे हैं तो वह इसलिए ऐसा सोचते हैं क्योंकि उनकी सोच ऐसी ही है. वैसे लोग प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी पार्टी का फ्रंट लाइन वर्कर्स समझते हैं.
पीएम को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या लिखा थाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कैडर रूल्स ऑफ ऑल इंडिया सर्विस 1954 में संशोधन के प्रस्ताव का विरोध किया था. पत्र में हेमंत सोरेन ने लिखा था कि संशोधन के प्रस्ताव के ड्राफ्ट से ऐसा लगता है कि यह इसलिए तैयार किया गया है कि जिन राज्यों में केंद्र से अलग दूसरे दलों की लोकप्रिय सरकार है वहां के अधिकारियों पर अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र का नियंत्रण रह सके.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में केंद्र के इच्छा अनुसार राज्य से सेवा वापस लेने का अधिकार (Forced Removal of Officers) से राज्यों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में परेशानी से भी अवगत कराया था. उन्होंने पीएम को लिखे पत्र में कहा था कि पहले से ही राज्यों में प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या जरूरत से काफी कम है. इसके लिए उन्होंने झारखंड राज्य का भी उदाहरण दिया था और कहा था कि राज्य में 240 की जगह जहां सिर्फ 140 आईएएस अधिकारी है, वहीं 149 आईपीएस की जगह महज 95 आईपीएस राज्य को उपलब्ध है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को देश के फेडरल तानाबाना के खिलाफ बताते हुए कैडर रूल्स ऑफ इंडिया सर्विस 1954 में किसी भी तरह का संशोधन नहीं करने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया था.