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Mob Lynching Act को दीपक प्रकाश ने बताया काला कानून, कहा- तुष्टीकरण की राजनीति का है उदाहरण - मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मॉब लिंचिंग कानून को काला कानून बताया है. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति का यह बहुत बढ़िया उदाहरण है. कांग्रेस एवं उसके साथ के दल मुस्लिमों को हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उन को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं.

Jharkhand BJP President Deepak Prakash
Jharkhand BJP President Deepak Prakash
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Published : Dec 22, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 8:56 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य के यूपीए सरकार के मॉब लिंचिंग कानून को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए यह कानून लाया गया है. एक समुदाय को छोड़कर किसी भी धर्म, संप्रदाय के लोगों को यह कानून पसंद नहीं है.

ये भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने वाला चौथा राज्य बना झारखंड, जानिए स्पीकर, सीएम समेत किसने क्या कहा

उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति का यह बहुत बढ़िया उदाहरण है. कांग्रेस एवं उसके साथ के दल मुस्लिमों को हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उन को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं. दीपक प्रकाश ने कहा कि राहुल गांधी का ट्वीट आया था कि 2014 से पहले देश में लिंचिंग शब्द का वजूद नहीं था. राहुल ने आगे अपने ट्वीट में लिखा था धन्यवाद मोदी जी. राहुल गांधी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. उनको मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस का भी वह इतिहास देख लें.

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश के साथ संवाददाता शशांक कुमार
राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू का शासन 1950 से 1964 तक था जिसमें 243 संप्रदायिक दंगे हुए थे. इंदिरा गांधी का युग 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक था. इस दौरान 337 सांप्रदायिक दंगे हुए थे. 1984 में ही सिख दंगा में 3000 सिखों की हत्या की गई थी. राजीव गांधी का शासन 1984 से 1989 तक था जिसमें 291 सांप्रदायिक दंगे हुए थे और करीब 300 लोग मारे गए थे. सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह का शासनकाल 2004 से 2014 तक था जिसमें 5921 संप्रदायिक दंगे हुए थे और 943 लोगों की मौत हुई थी. झारखंड में यूपीए सरकार ने मॉब लिंचिंग पर लगाम कसने एवं हिंसा को रोकने के लिए मॉब लिंचिंग कानून बनाया है और यह विधानसभा में पारित हो गया है. इसमें मॉब लिंचिंग के दोषी को आजीवन कारावास और 25 लाख जुर्माना का प्रावधान है. ऐसा कानून लाने वाला झारखंड देश का चौथा राज्य है. राजस्थान, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में इससे पहले मॉब लिंचिंग पर कानून बन चुका है.

नई दिल्ली: झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य के यूपीए सरकार के मॉब लिंचिंग कानून को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए यह कानून लाया गया है. एक समुदाय को छोड़कर किसी भी धर्म, संप्रदाय के लोगों को यह कानून पसंद नहीं है.

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उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति का यह बहुत बढ़िया उदाहरण है. कांग्रेस एवं उसके साथ के दल मुस्लिमों को हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उन को खुश करने की कोशिश में लगे रहते हैं. दीपक प्रकाश ने कहा कि राहुल गांधी का ट्वीट आया था कि 2014 से पहले देश में लिंचिंग शब्द का वजूद नहीं था. राहुल ने आगे अपने ट्वीट में लिखा था धन्यवाद मोदी जी. राहुल गांधी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार के शासनकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. उनको मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस का भी वह इतिहास देख लें.

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश के साथ संवाददाता शशांक कुमार
राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू का शासन 1950 से 1964 तक था जिसमें 243 संप्रदायिक दंगे हुए थे. इंदिरा गांधी का युग 1966 से 1977 और 1980 से 1984 तक था. इस दौरान 337 सांप्रदायिक दंगे हुए थे. 1984 में ही सिख दंगा में 3000 सिखों की हत्या की गई थी. राजीव गांधी का शासन 1984 से 1989 तक था जिसमें 291 सांप्रदायिक दंगे हुए थे और करीब 300 लोग मारे गए थे. सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह का शासनकाल 2004 से 2014 तक था जिसमें 5921 संप्रदायिक दंगे हुए थे और 943 लोगों की मौत हुई थी. झारखंड में यूपीए सरकार ने मॉब लिंचिंग पर लगाम कसने एवं हिंसा को रोकने के लिए मॉब लिंचिंग कानून बनाया है और यह विधानसभा में पारित हो गया है. इसमें मॉब लिंचिंग के दोषी को आजीवन कारावास और 25 लाख जुर्माना का प्रावधान है. ऐसा कानून लाने वाला झारखंड देश का चौथा राज्य है. राजस्थान, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में इससे पहले मॉब लिंचिंग पर कानून बन चुका है.
Last Updated : Dec 22, 2021, 8:56 PM IST
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