रांची: लक्ष्मीकांत वाजपेयी अपने झारखंड मिशन पर लग चुके (Laxmikant Bajpai visits Jharkhand) हैं. मंगलवार को प्रभारी बनने के बाद पहली बार झारखंड दौरे पर आए. आमतौर पर नेता पहले रांची आते हैं, फिर वहां से कहीं दूसरी जगह जाते हैं. लेकिन लक्ष्मीकांत वाजपेयी सीधे सारठ विधानसभा क्षेत्र पहुंचे. यह यहां के नेताओं के लिए एक संकेत है.
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झारखंड के बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बाबाधाम से आशीर्वाद लेकर के झारखंड में बीजेपी को मजबूत करने के लिए अपनी राजनीतिक रणनीति के साथ शुरुआत कर दी है. झारखंड में संगठन को मजबूत करना बीजेपी को संगठित करना और केंद्रीय नेतृत्व के अनुसार बीजेपी को झारखंड में खड़ा करना लक्ष्मीकांत वाजपेयी के लिए बड़ी चुनौती है.
हालांकि झारखंड के लिए वाजपेयी का नाम बीजेपी के लिए बहुत शुभ रहा है. 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के समय में झारखंड का बंटवारा हुआ था तो 2022 में लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस समय झारखंड के प्रभारी बने हैं. जब 1932 के खतियान के आधार पर जाति बंटवारे की सियासत ने पूरे झारखंड में जोर पकड़ रखी है. इसको लेकर बहुत सारी बातें भी चल रही है.
पश्चिम बंगाल में पकड़े गए तीन विधायकों पर जिस तरीके के आरोप लगे उसकी जद में भी बीजेपी और ईडी से वकील राजीव कुमार के कनेक्शन की बात भी बीजेपी से जोड़ी जाती रही है. झारखंड बीजेपी की गुटबाजी को खत्म करना भी लक्ष्मीकांत वाजपेयी के लिए बड़ी चुनौती है. कुल मिलाकर लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी ने बाबा धाम से आगाज कर दिया है. अब देखना है कि जरूरत वाली राजनीति और भाजपा को मजबूती दोनों लक्ष्मीकांत वाजपेयी किस तरीके से झारखंड में दे पाते हैं.