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नक्सलवाद से लड़ाई में कर्जदार हुआ झारखंड, सीआरपीएफ का राज्य पर 11,348 करोड़ बकाया

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स का झारखंड सरकार पर 11,348 करोड़ रुपए बकाया है. राज्य में नक्सल विरोधी अभियान और अन्य विधि व्यवस्था में सीआरपीएफ की 132 कंपनियां तैनात हैं.

CRPF deployed in Jharkhand
CRPF deployed in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 30, 2023, 9:53 PM IST

रांची: झारखंड को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के एवज में बड़ी ‘कीमत’ चुकानी पड़ रही है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने राज्य सरकार पर 11 हजार 348 करोड़ 58 लाख रुपए की दावेदारी की है.

ये भी पढ़ें- CRPF के लिए चुनौती बनी 15 किलोमीटर की सड़क! सुरक्षा में तैनात दो कंपनियों के जवान, जानिए क्या है माजरा

पिछले साल राज्य सरकार ने सीआरपीएफ को बकाया मद में 1,700 करोड़ का भुगतान किया था. राज्य सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में पत्र लिखकर केंद्रीय बलों की तैनाती, अब तक किए गए भुगतान और बकाया आदि का पूरा ब्योरा मांगा है, ताकि दावा राशि के भुगतान पर निर्णय लिया जा सके.

गौरतलब है कि राज्य में आज की तारीख में सीआरपीएफ की 132 कंपनियों की तैनाती हैं. इन्हें मुख्य तौर पर राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगाया गया है. इन बलों की तैनाती पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त से है. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष अपनी समीक्षा में पूरे देश में नक्सलियों के प्रभाव वाले कुल जिलों की संख्या 70 पायी थी. इनमें से नक्सलवाद से अति प्रभावित जिलों की संख्या 25 है.

झारखंड में 8 जिले नक्सलियों के अति प्रभाव वाले हैं, जबकि 8 अन्य जिले सामान्य प्रभाव वाले माने गये हैं. अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम हैं, जबकि सामान्य प्रभाव वाले जिलों में रांची, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, गढ़वा और हजारीबाग शामिल हैं. इन सभी जिलों में आईबी और पुलिस की खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर सेंट्रल पारा मिलिट्री फोर्सेज की मदद से अभियान लगातार जारी है और नक्सलियों के प्रभाव में एक हद तक कमी भी आयी है.

राज्य में कुल मिलाकर नक्सलियों की संख्या अब कुछ सौ रह गयी है, लेकिन नक्सल प्रभावित जिलों में विधि-व्यवस्था और अमन-चैन कायम करने के लिए केंद्रीय बलों की 132 कंपनियां तैनात हैं. केंद्रीय एवं पुलिस बलों को मिलाकर लगभग 85 हजार जवान राज्य में तैनात हैं.

इनपुट- आईएएनएस

रांची: झारखंड को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के एवज में बड़ी ‘कीमत’ चुकानी पड़ रही है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने राज्य सरकार पर 11 हजार 348 करोड़ 58 लाख रुपए की दावेदारी की है.

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पिछले साल राज्य सरकार ने सीआरपीएफ को बकाया मद में 1,700 करोड़ का भुगतान किया था. राज्य सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में पत्र लिखकर केंद्रीय बलों की तैनाती, अब तक किए गए भुगतान और बकाया आदि का पूरा ब्योरा मांगा है, ताकि दावा राशि के भुगतान पर निर्णय लिया जा सके.

गौरतलब है कि राज्य में आज की तारीख में सीआरपीएफ की 132 कंपनियों की तैनाती हैं. इन्हें मुख्य तौर पर राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगाया गया है. इन बलों की तैनाती पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त से है. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष अपनी समीक्षा में पूरे देश में नक्सलियों के प्रभाव वाले कुल जिलों की संख्या 70 पायी थी. इनमें से नक्सलवाद से अति प्रभावित जिलों की संख्या 25 है.

झारखंड में 8 जिले नक्सलियों के अति प्रभाव वाले हैं, जबकि 8 अन्य जिले सामान्य प्रभाव वाले माने गये हैं. अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम हैं, जबकि सामान्य प्रभाव वाले जिलों में रांची, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, गढ़वा और हजारीबाग शामिल हैं. इन सभी जिलों में आईबी और पुलिस की खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर सेंट्रल पारा मिलिट्री फोर्सेज की मदद से अभियान लगातार जारी है और नक्सलियों के प्रभाव में एक हद तक कमी भी आयी है.

राज्य में कुल मिलाकर नक्सलियों की संख्या अब कुछ सौ रह गयी है, लेकिन नक्सल प्रभावित जिलों में विधि-व्यवस्था और अमन-चैन कायम करने के लिए केंद्रीय बलों की 132 कंपनियां तैनात हैं. केंद्रीय एवं पुलिस बलों को मिलाकर लगभग 85 हजार जवान राज्य में तैनात हैं.

इनपुट- आईएएनएस

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