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Jharkhand Band: झारखंड बंदी की वजह से करीब एक हजार करोड़ का व्यवसाय प्रभावित, छात्र 60-40 वापस लेने की कर रहे मांग

छात्रों की बंद से झारखंड का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. बंद की वजह से लगभग 800 से 1000 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. स्कूल बंद होने से विद्यार्थियों के पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ा है.

Jharkhand Band thousands crore Business LOSS
जानकारी देते झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष किशोर मंत्री
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Published : Apr 19, 2023, 10:09 PM IST

जानकारी देते झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष किशोर मंत्री

रांची: छात्रों के द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के कारण व्यवसायिक कार्यो पर खासा प्रभाव पड़ा है. झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स में आज के बंदी के कारण करीब 1000 करोड़ के नुकसान की संभावना जताई है. झारखंड बंद की वजह से व्यवसायिक कार्य खासा प्रभावित हुआ है. छोटे मोटे सब्जी दुकान चलानेवाले से लेकर बड़े-बड़े उद्यमियों के कारोबार प्रभावित हुए हैं. झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने आज के झारखंड बंदी से राज्य में 800 से 1000 करोड़ के व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान लगाया है.

ये भी पढ़ें: Jharkhand Band Politics: नियोजन नीति को लेकर झारखंड में होती रही हैं सियासत, छात्रों के बंद पर जानिए राजनीतिज्ञों ने क्या कहा

सबसे ज्यादा प्रभाव व्यवसायिक गतिविधियों पर: झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने हाल के दिनों में बुलाई जा रहे बंद पर नाराजगी जताई है. कहा कि इससे सबसे ज्यादा प्रभाव व्यवसायिक गतिविधियों पर पड़ता है. स्कूल में बंद हो जाती हैं. जिसे छात्र को होने वाले क्षति का आकलन नहीं किया जा सकता है. इसी तरह से व्यवसायिक गतिविधि खासा प्रभावित होती है. आज की बंदी से एक बार फिर राज्य में व्यवसायिक कारोबार को प्रभावित किया है. ईद का समय है बाजार में व्यवसायिक कारोबार काफी उत्साह के साथ होता है. मगर इससे ठीक पहले आज बुलाई गई बंदी की वजह से छोटे-मोटे दुकानदार से लेकर बड़े दुकानदारों को काफी क्षति उठानी पड़ी है .

बंदी के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम रहा प्रभावित: नियोजन नीति को लेकर बुलाए गए बंद की वजह से राजधानी रांची के मेनरोड में अधिकांश दुकानें बंद रही वहीं प्रतिदिन चलने वाले ऑटो और बैटरी रिक्शा काफी कम संख्या में सड़कों पर दिखी.कांटाटोली स्थित बस पड़ाव से बस नहीं के बराबर खुली. हालांकि लंबी दूरी की गाड़ियां शाम के बाद से खुलना शुरू हो गया मगर अन्य जिलों के लिए खुलने वाली लोकल गाड़ी नहीं के बराबर सड़कों पर चलती दिखीं. बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह के अनुसार जब कभी भी बंदी होती है तो इसका खामियाजा लोकल ट्रांसपोर्टरों को ही उठानी पड़ती है. इस बार भी बंदी के कारण बस मालिकों को भारी क्षति हुई है.

60/40 नियोजन नीति फार्मूला वापस लेने की मांग: गौरतलब है कि नियोजन नीति को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने बुधवार को झारखंड बंद बुलाया था. जिस दौरान सड़कों पर छात्र उतर कर सरकार से 60/40 नियोजन नीति फार्मूला वापस लेने की मांग कर रहे थे. बंद को देखते हुए जैक ने आज होने वाली 11 वीं बोर्ड की परीक्षा को स्थगित करते हुए गुरुवार को लेने का निर्णय लिया वही राजधानी के सभी स्कूल एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया था.

जानकारी देते झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष किशोर मंत्री

रांची: छात्रों के द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के कारण व्यवसायिक कार्यो पर खासा प्रभाव पड़ा है. झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स में आज के बंदी के कारण करीब 1000 करोड़ के नुकसान की संभावना जताई है. झारखंड बंद की वजह से व्यवसायिक कार्य खासा प्रभावित हुआ है. छोटे मोटे सब्जी दुकान चलानेवाले से लेकर बड़े-बड़े उद्यमियों के कारोबार प्रभावित हुए हैं. झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने आज के झारखंड बंदी से राज्य में 800 से 1000 करोड़ के व्यवसाय प्रभावित होने का अनुमान लगाया है.

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सबसे ज्यादा प्रभाव व्यवसायिक गतिविधियों पर: झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने हाल के दिनों में बुलाई जा रहे बंद पर नाराजगी जताई है. कहा कि इससे सबसे ज्यादा प्रभाव व्यवसायिक गतिविधियों पर पड़ता है. स्कूल में बंद हो जाती हैं. जिसे छात्र को होने वाले क्षति का आकलन नहीं किया जा सकता है. इसी तरह से व्यवसायिक गतिविधि खासा प्रभावित होती है. आज की बंदी से एक बार फिर राज्य में व्यवसायिक कारोबार को प्रभावित किया है. ईद का समय है बाजार में व्यवसायिक कारोबार काफी उत्साह के साथ होता है. मगर इससे ठीक पहले आज बुलाई गई बंदी की वजह से छोटे-मोटे दुकानदार से लेकर बड़े दुकानदारों को काफी क्षति उठानी पड़ी है .

बंदी के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम रहा प्रभावित: नियोजन नीति को लेकर बुलाए गए बंद की वजह से राजधानी रांची के मेनरोड में अधिकांश दुकानें बंद रही वहीं प्रतिदिन चलने वाले ऑटो और बैटरी रिक्शा काफी कम संख्या में सड़कों पर दिखी.कांटाटोली स्थित बस पड़ाव से बस नहीं के बराबर खुली. हालांकि लंबी दूरी की गाड़ियां शाम के बाद से खुलना शुरू हो गया मगर अन्य जिलों के लिए खुलने वाली लोकल गाड़ी नहीं के बराबर सड़कों पर चलती दिखीं. बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह के अनुसार जब कभी भी बंदी होती है तो इसका खामियाजा लोकल ट्रांसपोर्टरों को ही उठानी पड़ती है. इस बार भी बंदी के कारण बस मालिकों को भारी क्षति हुई है.

60/40 नियोजन नीति फार्मूला वापस लेने की मांग: गौरतलब है कि नियोजन नीति को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने बुधवार को झारखंड बंद बुलाया था. जिस दौरान सड़कों पर छात्र उतर कर सरकार से 60/40 नियोजन नीति फार्मूला वापस लेने की मांग कर रहे थे. बंद को देखते हुए जैक ने आज होने वाली 11 वीं बोर्ड की परीक्षा को स्थगित करते हुए गुरुवार को लेने का निर्णय लिया वही राजधानी के सभी स्कूल एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया था.

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