रांची: शीतकालीन सत्र के अंतिम कार्य दिवस की प्रश्न काल की कार्यवाही भी हंगामा की भेंट चढ़ गई. प्रश्न कल शुरू होते ही विधायक प्रदीप यादव ने व्यवस्था के तहत सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी ने सदन के बाहर मीडिया में बयान दिया है कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता बिल पर उन्हें बोलने नहीं दिया गया. यह सदन के विशेषाधिकार का हनन है. उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी हमेशा निराधार बातें करते हैं. उनके समर्थन में इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला समेत अन्य कांग्रेस के विधायकों ने वेल में आकर प्रदर्शन किया.
'प्रदीप यादव को मांगनी चाहिए माफी': इस पर नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि प्रदीप यादव बहुत विद्वान हैं. उनको ध्यान होना चाहिए कि बाबूलाल मरांडी इसी सदन के सदस्य हैं. सदन के भीतर अभी भी बाबूलाल मरांडी जेवीएम के अध्यक्ष हैं. कल उन्होंने हाथ उठाकर बोलने देने का आग्रह किया था लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया. कार्य संचालन की नियमावली कहती है कि विधायक के नाते उनको अपनी बातें रखने का अधिकार है. प्रदीप यादव ने एक सदस्य को जिस तरह से अपमानित किया है इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
बीजेपी विधायकों ने की नारेबाजी: प्रदीप यादव ने कहा कि अगर जेवीएम की बात है तो मैं विधायक दल का नेता हूं. उस नाते उन्होंने मुझे कभी नहीं रिपोर्ट किया. प्रदीप यादव के बयान के विरोध में भाजपा के विधायक वेल में पहुंच गए और तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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