रांचीः झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. सदन के संग्राम में भारी पड़ने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी 'तलवारों' में धार देने में जुटे हैं. जहां मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठक कर सरकार और सत्तारूढ़ दलों को घेरने की योजना बनाई तो सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने भाजपा पर भारी पड़ने के लिए कांग्रेस विधायक अनूप सिंह के आवास पर बैठक कर भाजपा को आक्रामक जवाब देने की रणनीति बनाई.
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बता दें कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले बुधवार रात कांग्रेस विधायक अनूप सिंह के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, उपनेता और विधायक प्रदीप यादव सहित कई विधायकों ने भाजपा के वार से निपटने के लिए जवाबों पर मंथन किया. बैठक में कांग्रेस विधायकों ने भाजपा-आजसू द्वारा सरकार को घेरने की हर रणनीति को विफल करने की योजना बनाई.
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'ऐसे मुद्दे न उठाएं जो विपक्ष को मौका दे'
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बैठक में यह रणनीति बनी है कि भाजपा को सदन के अंदर आक्रामक रूप से जवाब दिया जाए. कांग्रेस के विधायक जनसरोकार के मुद्दे जरूर सदन में उठाएं पर वैसे विषयों से परहेज करें जो विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दें. बैठक में पहली बार कांग्रेस विधायक दल के उपनेता बने प्रदीप यादव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम का स्वागत प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने किया.
उपलब्धियां बताने पर जोर
बैठक में इस बात की भी सहमति बनी कि दो साल में हेमंत सोरेन की सरकार ने कोरोना महामारी में जिस तरह जनता के हित की रक्षा की, योजनाएं बनाईं और जनता की मदद की, कोरोना को कुशलता के साथ संभाला, इसे हर कांग्रेसी विधायक एक उपलब्धि की तरह जनता और मीडिया को बताए.