रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) के अंतिम दिन सदन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन (Hemant Soren address in Assembly) में विपक्ष पर तीखे हमले किए. करीब 40 मिनट तक के अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने कोरोना के संभावित खतरे को लेकर की. उन्होंने कहा कि इस वायरस की वजह से आने वाली चुनौतियों पर केंद्र की नजर है. इस मामले में केंद्र के दिशा निर्देशों का पालन होगा. इसके बाद उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाने साधा और कहा कि हमारे विपक्ष के पास न तो नेता है, न मुद्दा और न दिशा. उससे कैसे सहयोग की उम्मीद करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबूलाल जी को मुखौटा बना दिया है. उनकी जुबान से राज्य को प्रवचन सुनाए जा रहे हैं. एक आदिवासी को खड़ा कर राजनीति कर रहे हैं. लेकिन अब इनकी चिकनी चुपड़ी बातों को यहां की जनता समझ चुकी है.
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नियोजन नीति को रद्द करा दिया. इसके पीछे बाहर के लोग शामिल थे. यह लोग कहते हैं कि सारे आदिवासी हिंदू हैं. सिमडेगा और बानो में सरना सनातन सम्मेलन हो रहा है .यह सब आई वाश है. अगर यह सरना के हितैषी हैं तो कई माह बाद भी सरना धर्म कोड को क्यों लटकाए रखा है. यह लोग ना सरना के हिमायती हैं, ना 1932 के और ना ओबीसी आरक्षण के. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी मंशा पर कोई शक नहीं कर सकता. हर राज्य की अपनी नियोजन नीति है .अभी पता चला कि नियोजन नीति को जिसने चुनौती दिया वह भाजपा का नेता रमेश हांसदा था. बाकी यूपी बिहार के लोग थे. लेकिन दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष के लोगों ने ही कोर्ट में मामले को उठाया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इनकी राजनीति ईडी सीबीआई और एजेंसी के दरवाजे पर टिकी है. अखबारों में इन दिनों सीरीज चल रहा है. कोयला मंत्री कई बार झारखंड आए. मैंने कहा था कि यहां बड़े पैमाने पर खनिज की रेल के जरिए अवैध ढुलाई हो रही है. इसको रोकने के लिए हमने एक सॉफ्टवेयर बनाया. भारत सरकार ने भी बनाया. लेकिन दोनों सॉफ्टवेयर को इंटीग्रेट नहीं किया गया. यह लोग हजार करोड़ की अवैध माइनिंग को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं. अब हम एक एसआईटी बनाने जा रहे हैं. इसमें पता चलेगा कि रेलवे का क्या रोल रहा है. जांच के लिए भारत सरकार से भी आग्रह किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को चिट्ठी भेजते ही सॉफ्टवेयर को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया गया है क्यों वर्षों तक यह लटका कर रखा. यहां तो ट्रक और ट्रैक्टर बदनाम है. आपको अंदाजा नहीं है कि ट्रेनों से अवैध ढुलाई हो रही है. नीचे से ऊपर तक के लोगों को जानकारी है .इसमें राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. चोर मचाए शोर. केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ रुपया बकाया है. जीएसटी के कारण 5000 करोड़ का नुकसान हुआ. यहां मुंबई और दिल्ली की तरह कंजूमर नहीं हैं. इस राज्य को गरीब बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सबको घर देने की बात करते हैं लेकिन झारखंड में 8 लाख से अधिक आवास का मामला पेंडिंग है. गरीबों को राशन देने का फैसला लिया तो एफसीआई अनाज नहीं दे रहा है. अब इसके लिए वैकल्पिक रास्ता निकाला जा रहा है. जब हक और अधिकार की मांग करते हैं तो केंद्रीय एजेंसियों को लगा देते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप ए की नौकरियों में दलितों के 48 परसेंट, आदिवासी के 53 परसेंट और ओबीसी के 61 परसेंट पद खाली हैं. ग्रुप बी की नौकरियों में दलितों के 60 परसेंट, आदिवासी के 60 परसेंट और ओबीसी के 75% सीट खाली हैं यही हाल ग्रुप सी की नौकरियों में भी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने राज्य के नौजवानों के लिए रास्ता निकालेंगे. राज्य में डरावना माहौल बना दिया . ये लोग नहीं चाहते कि यहां उद्योग घराने आएं. महंगाई पर कभी चर्चा नहीं करते. 400 का एलपीजी अभी 1100 में मिल रहा है. गरीबों की थाली से चावल दाल गायब हो रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपए का बुरा हाल है. लेकिन पता नहीं कैसे सेंसेक्स फुटबॉल की तरह उछाल मार रहा है.
मुख्यमंत्री ने चाणक्य के कथन को दोहराते हुए कहा कि जिस राज्य का राजा व्यापारी, उस राज्य की जनता भिखारी. उन्होंने कहा कि इस राज्य को बनाने में 40 साल लगे लेकिन अब इनको आदिवासी के हाथ में सत्ता आने से दर्द हो रहा है. उन्होंने कहा कि पता चला है कि भारत सरकार ने यूएन में लिखा है कि यहां आदिवासी नहीं रहते . सब हिंदू हैं. मैं इसकी जानकारी ले रहा हूं . सीएम ने फिर दोहराया कि सरना सनातन सम्मेलन पर मेरी कड़ी नजर है. उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया कि रोजगार और स्वरोजगार के लिए संवैधानिक पहल होगा.