विधानसभा में सदस्यों के व्यवहार से स्पीकर दुखी, जानिए क्या है मलाल - भाजपा विधायक अमर बाउरी
विधानसभा का मानसून सत्र 2021 हाल ही में खत्म हुआ है. सदन की कार्यवाही के दौरान नमाज कक्ष को लेकर जिस तरह से झारखंड विधानसभा देशभर में सुर्खियों में रही, उससे विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो मर्माहत हैं. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में स्पीकर ने कहा कि छोटे से सत्र में जिस तरह से सदस्यों की ओर से सदन के समय का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था वो हो नहीं पाया.
रांचीः विधानसभा का मानसून सत्र 2021 हाल ही में खत्म हुआ है. सदन की कार्यवाही के दौरान नमाज कक्ष को लेकर जिस तरह से झारखंड विधानसभा देशभर में सुर्खियों में रही, उससे विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो मर्माहत हैं. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में स्पीकर ने कहा कि छोटे से सत्र में सदन के समय का सदस्यों की ओर से जिस तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए था वो नहीं हो पाया. सत्र में जनता की मूल समस्या गौण हो गई और अनावश्यक बातों को लेकर विधानसभा का समय बर्बाद हो गया.
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स्पीकर ने कहा कि तकलीफ की बात यह है कि जनता की गाढ़ी कमाई से सत्र आहुत किया जाता है मगर कोई परिणाम (फलाफल) नहीं निकला. उन्होंने कहा कि विधानसभा में अध्यक्ष की भूमिका कस्टोडियन की होती है जो सभी सदस्य को साथ लेकर चलता है. इस दौरान कोई संसदीय मर्यादा का उल्लंघन करता है तो उसे आसन कभी-कभी नजरअंदाज भी करता है. कभी-कभी सदन में सदस्यों के मन में जनता की भावना इतनी प्रबल होती है कि वे आवेश में बोलते भी हैं मगर आसन उनकी भावना को समझते हुए उन्हें शांत करने की कोशिश करता है और हमलोग बर्दाश्त करते हैं.