रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 3 सितंबर से शुरू हो रहा है. 3 से 9 सितंबर तक आहुत विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 5 कार्य दिवस होंगे. मानसून सत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. 6 सितंबर को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव वर्तमान वित्तीय वर्ष का अनुपूरक बजट पेश करेंगे.
7 सितंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी. मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी होगा. राज्य के नीतिगत मामलों में विधायक इस दौरान मुख्यमंत्री से सवाल करेंगे. सत्र के पहले दिन राज्यपाल द्वारा अनुमोदित अध्यादेश सभा पटल पर रखी जाएगी. 9 सितंबर तक चलने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी.
सत्र में किस दिन क्या होगा ?
दिनांक | कार्यवाही |
3 सितंबर | राज्यपाल का अभिभाषण |
4 सितंबर | अवकाश |
5 सितंबर | अवकाश |
6 सितंबर | प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, अनुपूरक बजट |
7 सितंबर | प्रश्नकाल, अनुपूरक बजट पर चर्चा |
8 सितंबर | प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य |
9 सितंबर | प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य, गैर सरकारी संकल्प |
दो सत्र के बीच अधिकतम 6 माह की होना चाहिए अवधि
संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 6 महीने की होना चाहिए. जिसके तहत झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से पहले होना चाहिए था. राज्य सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए 5 अगस्त को कैबिनेट से पास कराकर मानसून सत्र आहुत करने का निर्णय लिया था. पिछले साल कोरोना के कारण 18 से 22 सितंबर तक मानसून सत्र आयोजित किया गया था जबकि 2019 में 22 से 26 जुलाई तक आयोजित हुआ था.
सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष
मानसून सत्र के दौरान सदन में सरकार को घेरने की तैयारी विपक्ष ने शुरू कर दी है. विपक्ष ने जिन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की तैयारी की है उसमें नियोजन नीति, बेरोजगारी भत्ता, कानून व्यवस्था, गैरकानूनी ढंग से माइंस का आवंटन, बालू और शराब की नीलामी जैसे मुद्दे शामिल हैं. इधर, सत्तापक्ष भी विपक्ष की मंशा को भांपते हुए सदन में समुचित जवाब देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रश्नों का सही और सटीक जवाब देने की तैयारी की जा रही है.