रांची: 28 जुलाई से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र के लिए दिनभर राजनीतिक गतिविधियां तेज रही. दोपहर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद शाम में मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी गठबंधन I.N.D.I.A विधायक दल की बैठक हुई. मुख्यमंत्री और नेता सदन हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, हेमंत मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक शामिल हुए. सीपीआई (माले) के विधायक विनोद कुमार सिंह भी बैठक में शामिल रहे. इनके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय, केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या, प्रवक्ता मनोज पांडेय, प्रदेश कांग्रेस कमिटी(PCC) के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी बैठक में शिरकत की.
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बैठक में इस बात पर सहमति बनीं कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की घटना के विरोध में कांग्रेस के साथ झामुमो, माले, राजद भी शामिल होगा. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ताधारी दलों के विधायक से आग्रह किया कि मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हर सवाल का सटीक जवाब सत्तापक्ष की ओर से दिया जाएगा. इसलिए सभी मंत्री और विधायक पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं. उन्होंने कहा कि सरकार जनता से जो जो वादें करके सत्ता में आई है उसे पूरी गंभीरता से पूरी करने की कोशिश कर रही है.
राजभवन से लौटाएं विधेयक को दोबारा सदन से पास कराकर भेजा जाएगा: कांग्रेस नेता और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बैठक के बाद कहा कि मणिपुर की घटना का प्रतिकार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन से बाहर करेगी, इसमें सत्ताधारी सभी दल के विधायक शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इसी सत्र में ओबीसी को 27% आरक्षण का विधेयक को पारित कराया जाएगा.
बैठक के दौरान विधि व्यवस्था पर भी चर्चा: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कई विधायकों ने पिछले कुछ दिनों में खराब हुई लॉ एंड ऑर्डर का मामला भी उठाया, जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त रखा जाएगा. आलमगीर आलम ने बैठक के बाद कहा कि कल रांची में घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना में शामिल अपराधी जल्द पकड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. संसदीय कार्यमंत्री ने भी दोहराया कहा कि सरकार मॉब लिंचिंग विधेयक,1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27% ओबीसी आरक्षण विधेयक को सदन से पास कराकर राजभवन भेजा जाएगा.