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Budget Session 2023: गेहूं से आटा बनना भी फूड प्रोसेसिंग का हिस्सा, मंत्री ने माननीय को पढ़ाया पाठ, प्रश्नकाल के सवालों पर मिला आश्वासन - Jharkhand news

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ. इसमें जहां सदन में विधायकों ने जो सवाल किए उस पर संबंधित विभाग के मंत्रियों ने जवाब या फिर आश्वासन दिए.

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Published : Feb 28, 2023, 9:58 PM IST

रांची: लंबे अरसे बाद झारखंड विधनसभा में प्रश्नकाल का संचालन सौहार्दपूर्ण माहौल में चलता दिखा. माननीयों के सभी सवालों का जवाब भी मिला. कुछ पर आश्वासन मिला तो कुछ पर साफ-सफाई का दौर चला. भाजपा विधायक किशवाहा शशिभूषण मेहता का प्रश्न था कि पलामू के पांकी विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोई भी निर्माण उद्योग या खाद्य और चारा प्रसंस्करण उद्योग नहीं है. इसकी वजह से पलायन हो रहा है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पलामू के पांकी में 11 खाद्य प्रसंस्करण और एक फर्नीचर निर्माण उद्योग स्थापित है.

ये भी पढ़ें: Budget 2023: सदन में लांघी गई मर्यादा की सीमा! झूठ, सच के बीच गांजा और औकात तक की हुई बात

मिथिलेश ठाकुर की जवाब पर माननीय ने आश्चर्य व्यक्त किया तो जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि गेहूं से आटा बनाने की यूनिट भी फूड प्रोसेसिंग के दायरे में आता है. सरकार का काम पॉलिसी बनाना होता है उद्योग का संचालन करना नहीं. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास कोई निवेशक है तो आप लाएं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने पूछा कि जामताड़ा में उर्दू शिक्षकों की उपलब्धता स्वीकृत बल के विरूद्ध कम है. जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि जामताड़ा में 12 उर्दू शिक्षकों का पद है. इसकी तुलना में 4 शिक्षक पदस्थापित है. हाईकोर्ट के आधेस के अनुपालन में पद कृजन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इससे जुड़ी प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी विकास के तहत 15 वर्षों से रिसोर्स शिक्षक फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय का मामला उठाया. जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि केंद्र ने सहयोग करना बंद कर दिया है. केंद्र का कहना है कि समग्र शिक्षा के मानक के तहत सभी 36 राज्यों में मानदेय की स्वीकृति दी जाती है. झारखंड को मानदेय में वृद्धि का भार खुद उठाना होगा. उन्होंने कहा कि योजना प्राधिकृदत समिति की रिपोर्ट आ जाएगी. कमेटी जो फैसला लेगी उससे माननीय को अवगत करा दिया जाएगा.

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने पूचा कि अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के तहत इंटीग्रेडेट मैन्यूफेक्चरिंग कलस्टर की स्थापना के लिए भवनाथपुर माइंस को लीज क्षेत्र चिन्हित किया गया था. फिर मामला क्यों लटक गया. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि वह भी गढ़वा से ही आते हैं. उनकी भी मंशा है कि इसकी स्थापना भवनाथपुर में हो. लेकिन यह केंद्र सरकार का मामला है. पूर्व में सेल,बोकारो ने भवनाथपुर को चिन्हित किया था. लेकिन समीक्षा के दौरान डिपार्टमेंटऑफ प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, भारत सरकार के पदाधिकारियों की बैठक में उक्त जमीन को आईएमसी स्थापना के लायक नहीं माना. मंत्री ने कहा कि फिर भी दोबारा प्रस्ताव भेजा गया है.

विधायक किशुन दास ने सिमरिया के लावालौंग प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत लमटा का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि यहां एससी जाति के ग्रामीण 100 वर्ष से वनभूमि पर घर बनाकर रह रहे हैं. लेकिन उनका घर तोड़ दिया गया. उन्होंने पूछा कि वन पट्टा क्यों नहीं दिया गया. जवाब में मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि किसी का भी घर नहीं तोड़ा गया है. वन अधिकार समिति के माध्यम से आवेदन आने पर वन पट्टा मिलता है. लेकिन आवेदन ही नहीं आया. इसमें स्पीकर ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि संभव है कि उन लोगों को प्रक्रिया की जानकारी नहीं होगी. तब मंत्री ने कहा कि वह जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देशत कर ग्राम सभा के जरिए आवेदन लेने की कोशिश करेंगे. वहीं अमर बाउरी ने कहा कि अगर दलीतों के घर तोड़े गये हैं तो उसकी जांच होनी चाहिए.

रांची: लंबे अरसे बाद झारखंड विधनसभा में प्रश्नकाल का संचालन सौहार्दपूर्ण माहौल में चलता दिखा. माननीयों के सभी सवालों का जवाब भी मिला. कुछ पर आश्वासन मिला तो कुछ पर साफ-सफाई का दौर चला. भाजपा विधायक किशवाहा शशिभूषण मेहता का प्रश्न था कि पलामू के पांकी विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में कोई भी निर्माण उद्योग या खाद्य और चारा प्रसंस्करण उद्योग नहीं है. इसकी वजह से पलायन हो रहा है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पलामू के पांकी में 11 खाद्य प्रसंस्करण और एक फर्नीचर निर्माण उद्योग स्थापित है.

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मिथिलेश ठाकुर की जवाब पर माननीय ने आश्चर्य व्यक्त किया तो जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि आपको मालूम होना चाहिए कि गेहूं से आटा बनाने की यूनिट भी फूड प्रोसेसिंग के दायरे में आता है. सरकार का काम पॉलिसी बनाना होता है उद्योग का संचालन करना नहीं. उन्होंने कहा कि अगर आपके पास कोई निवेशक है तो आप लाएं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने पूछा कि जामताड़ा में उर्दू शिक्षकों की उपलब्धता स्वीकृत बल के विरूद्ध कम है. जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि जामताड़ा में 12 उर्दू शिक्षकों का पद है. इसकी तुलना में 4 शिक्षक पदस्थापित है. हाईकोर्ट के आधेस के अनुपालन में पद कृजन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इससे जुड़ी प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.

कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी विकास के तहत 15 वर्षों से रिसोर्स शिक्षक फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय का मामला उठाया. जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि केंद्र ने सहयोग करना बंद कर दिया है. केंद्र का कहना है कि समग्र शिक्षा के मानक के तहत सभी 36 राज्यों में मानदेय की स्वीकृति दी जाती है. झारखंड को मानदेय में वृद्धि का भार खुद उठाना होगा. उन्होंने कहा कि योजना प्राधिकृदत समिति की रिपोर्ट आ जाएगी. कमेटी जो फैसला लेगी उससे माननीय को अवगत करा दिया जाएगा.

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने पूचा कि अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के तहत इंटीग्रेडेट मैन्यूफेक्चरिंग कलस्टर की स्थापना के लिए भवनाथपुर माइंस को लीज क्षेत्र चिन्हित किया गया था. फिर मामला क्यों लटक गया. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि वह भी गढ़वा से ही आते हैं. उनकी भी मंशा है कि इसकी स्थापना भवनाथपुर में हो. लेकिन यह केंद्र सरकार का मामला है. पूर्व में सेल,बोकारो ने भवनाथपुर को चिन्हित किया था. लेकिन समीक्षा के दौरान डिपार्टमेंटऑफ प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, भारत सरकार के पदाधिकारियों की बैठक में उक्त जमीन को आईएमसी स्थापना के लायक नहीं माना. मंत्री ने कहा कि फिर भी दोबारा प्रस्ताव भेजा गया है.

विधायक किशुन दास ने सिमरिया के लावालौंग प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत लमटा का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि यहां एससी जाति के ग्रामीण 100 वर्ष से वनभूमि पर घर बनाकर रह रहे हैं. लेकिन उनका घर तोड़ दिया गया. उन्होंने पूछा कि वन पट्टा क्यों नहीं दिया गया. जवाब में मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि किसी का भी घर नहीं तोड़ा गया है. वन अधिकार समिति के माध्यम से आवेदन आने पर वन पट्टा मिलता है. लेकिन आवेदन ही नहीं आया. इसमें स्पीकर ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि संभव है कि उन लोगों को प्रक्रिया की जानकारी नहीं होगी. तब मंत्री ने कहा कि वह जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देशत कर ग्राम सभा के जरिए आवेदन लेने की कोशिश करेंगे. वहीं अमर बाउरी ने कहा कि अगर दलीतों के घर तोड़े गये हैं तो उसकी जांच होनी चाहिए.

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