रांची: कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन का आयोजन आड्रे हाउस में किया गया. राज्य में कृषि की वर्तमान स्थिति, झारखंड को इस दिशा में आगे बढ़ने की क्षमता और संभावनाएं पर विस्तार से चर्चा हुई. इस दौरान इस क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर भी प्रकाश डाला गया.
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इन लोगों ने लिया भाग: इसी क्रम में आज भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, झारखण्ड उद्योग विभाग, पीएमएफएमई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में राज्य के प्रगतिशील किसान, कृषि एवं वनोत्पाद से कुछ अलग करने वाले युवा एंटरप्रेन्योर, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दीदी और इस क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. पारस हॉस्पिटल के स्वास्थ्य कैंप में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूह की दीदियों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई साथ ही चिकित्सीय परामर्श भी दिए गए.
अधिकारी ने क्या बताया: झारखंड उद्योग विभाग के अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि बढ़ती आबादी और कम होती खेती योग्य जमीन वर्तमान समय की बड़ी चुनौती है. इसके साथ-साथ जलवायु परिवर्तन भी कृषि उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है. इन्हीं कारणों से भारत की बड़ी आबादी को भोजन उपलब्ध कराना एक बड़ा चैलेंज है.
ग्लोबल पहचान की संभावना: प्रकाश सिंह ने बताया कि सम्मेलन में कृषि और खासकर वनोत्पाद के सहारे झारखंड को ग्लोबल पहचान दिलाने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई है. कहा कि राज्य के कटहल, सब्जियां एवं अन्य वनोत्पाद की अगर प्रोसेसिंग कर बाजार में भेजा जाए तो उसकी न सिर्फ मांग बढ़ेगी बल्कि कीमत भी बढ़ जाएगी. कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन में कृषि, उद्योग, बैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. वहीं कई युवाओं ने अपने उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगाई.