रांचीः राज्य में 16 और 17 दिसंबर को आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने इसका आह्वान किया है. मोर्चा का कहना है कि यह नाकेबंदी ऐतिहासिक होगी. राज्य की सीमाएं सील रहेगी.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक और प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि 16 एवं 17 दिसंबर को आहूत आर्थिक नाकेबंदी ऐतिहासिक होगी. इस आर्थिक नाकेबंदी के दौरान सभी प्रकार के माल वाहक वाहन रोके जाएंगे. सभी झारखंड आंदोलनकारियों एवं झारखंड को समृद्धशाली और बेहतर बनाने वाले सभी प्रकार की शक्तियों से अपील है कि इस आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाएंगे और अपने राजकीय मान - सम्मान एवं पहचान को स्थापित करेंगे. यह आर्थिक नाकेबंदी राज्य की दशा और दिशा को तय करेगी.
ये बातें झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक और प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहीं. उन्होंने कहा कि आज झारखंड आंदोलनकारी अपने राजकीय मान सम्मान, पहचान, नियोजन और सम्मान राशि 50-50 हजार रु देने, झारखंड की अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा, राज्य में समता जजमेंट लागू करने एवं 26 परसेंट रॉयल्टी का अधिकार देने की मांग को लेकर झारखंड आंदोलनकारी लगातार आंदोलनरत हैं. झारखंडियों की मांगों की लगातार हो रही उपेक्षा के विरोध के फलस्वरुप 16 एवं 17 दिसंबर को आर्थिक नाकेबंदी का आयोजन किया गया है. इस आर्थिक नाकेबंदी में झारखंड के एक-एक आंदोलनकारी अपनी अपनी लड़ाई लड़ेंगे एवं नेतृत्व क्षमता का परिचय देंगे.
झारखंड आंदोलनकारी भुवनेश्वर केवट ने कहा कि 23 वर्षों के बाद भी बेहतर एवं समृद्धशाली राज्य नहीं बना और यहां पलायन बदस्तूर हो रहा है. खनिज संपदाओं की रॉयल्टी नहीं मिलना, कुपोषण का शिकार होना, मजदूरों को रोजी रोजगार नहीं मिलना यह दुर्भाग्य की बात है. साथ ही केंद्र के द्वारा झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करना, झारखंड की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित नहीं किया जाना झारखंड के लिए विडंबना की बातें हैं. झारखंड आंदोलनकारियों में सरकार के द्वारा हो रही उपेक्षा से आक्रोश व्याप्त है.
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