रांचीः नीति आयोग की टीम मंगलवार शाम दो दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंच गई (NITI Aayog Vice President Suman Beri Jharkhand). यह टीम झारखंड के तमाम समस्याओं को लेकर राज्य के आला अधिकारियों संग बैठक करेगी. इसमें राज्य सरकार के अधिकारी टीम को सूखे से निपटने के लिए स्पेशल पैकेज समेत अपने अन्य मुद्दों से सहमत करने की कोशिश करेंगे, ताकि राज्य को समस्याओं के निदाने के लिए अधिक राशि और संसाधन मिल सके. पिछली बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई थी, उनमें से कई पर इस बैठक में फैसला होने की उम्मीद है.
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बता दें कि दिल्ली से नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम मंगलवार शाम रांची पहुंची. (NITI Aayog Team Jharkhand Tour). नीति आयोग की टीम झारखंड दौरे पर बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बैठक करेगी. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय और योजनाओं को लेकर मंथन होगा. इससे पहले फरवरी में झारखंड में नीति आयोग की टीम ने राज्य सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, ऊर्जा जैसे क्षेत्र में और सहयोग का आश्वासन दिया था. इसके अलावा भी कई और मुद्दे हैं जिन पर बैठक में कोई नतीजा निकल सकता है.
सूखे से निपटने के लिए स्पेशल पैकेजः बता दें कि दिल्ली में नीति आयोग (NITI Aayog) के शासी निकाय की बैठक में शामिल होने गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने राज्य में कम बारिश की वजह से सुखाड़ जैसी स्थिति की जानकारी दी थी. सीएम हेमंत सोरेन ने इस संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष पैकेज की मांग की थी. इस पर कोई रास्ता निकलने की उम्मीद है.
मूलभूत ढांचे के विकास के लिए भी सहयोग की मांगः नीति आयोग की टीम के साथ बैठक में राज्य में अधोसंरचना विकास के लिए सहयोग भी राज्य के एजेंडे में है. दिल्ली शासी निकाय की बैठक में ही सीएम ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि दो वर्षों से कोविड-19 जैसी महामारी के फलस्वरूप झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. लेकिन फिर भी प्रदेश की मूलभूत संरचना को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. इस आयाम को और अधिक बल देने के लिए केंद्र सरकार की मदद की जरूरत है. इस मुद्दे को भी सरकार के अधिकारी नीति आयोग की टीम के सामने उठा सकते हैं. इस पर भी कोई फैसला हो सकता है.
केसीसी पर चर्चाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली की बैठक में ही केसीसी का भी मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि 2019 तक 38 लाख किसानों में से मात्र 13 लाख किसानों को KCC मिल पाया था. हालांकि पिछले 2 सालों में सरकार के अथक प्रयास से 5 लाख नए किसानों को KCC का लाभ दिलाया गया है परंतु अभी भी 10 लाख से अधिक आवेदन विभिन्न बैंकों में लंबित हैं.
राज्य सरकार ने नीति आयोग से सभी बैंकों को KCC स्वीकृत करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया था. किसानों की सब्सिस्टेंस खेती पर ध्यान देने के लिए केंद्र सरकार और FCI के विशेष सहयोग की मांग की थी. उस समय इस पर बात आगे नहीं बढ़ पाई थी. अब दिल्ली से नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम जब बुधवार को नीति आयोग की टीम सीएम हेमंत सोरेन के साथ बैठक करेगी तो सीएम की कोशिश होगी कि नीति आयोग इस दिशा में काम करे. इस पर केंद्र सरकार राज्य की मांग मान सकती है, क्योंकि यह मामला खुद केंद्र सरकार के प्रमुख एजेंडे में है.
सिंचाई की सुविधा के लिए विशेष पैकेजः मुख्यमंत्री नीति आयोग के सामने राज्य में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए मदद की मांग भी कर चुके हैं. इसलिए इस बार जब नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अगुवाई में टीम आ रही है तो इसके लिए भी राशि स्वीकृत कराना भी सरकार के एजेंडे में होगा. इससे राज्य में सिंचित क्षेत्र में इजाफा होगा, जिस पर काफी खर्च की उम्मीद होगी. सरकार के अधिकारी इस मुद्दे को भी नीति आयोग की टीम के सामने प्रमुखता से उठाएंगे.
उत्खनन से प्राप्त आय में हिस्से पर फिर होगी चर्चाः झारखंड सरकार राज्य में उत्खनन से मिलने वाली आय में और हिस्सेदारी चाहती है. यह मुद्दा कई बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य मंत्री प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के सामने उठा चुके हैं. यह मुद्दा भी बैठक में उठ सकता है. सीएम झारखंड राज्य में विभिन्न खनन कंपनियों की भू अर्जन, रॉयल्टी इत्यादि मद में करीब एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये बकाया का दावा करते हैं, वे नीति आयोग से इस मुद्दे को भी सुलझाने की मांग करेंगे. हालांकि झारखंड सरकार की इस मांग पर नीति आयोग के रूख पर अभी सस्पेंश ही रहने की उम्मीद है.