रांचीः झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की ओर से समय-समय पर अपनी जायज मांगों को लेकर राज्य सरकार को अवगत कराया जाता रहा है. इसी के मद्देनजर एक बार फिर अपने नितांत आवश्यक मांगों को लेकर झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. पत्र लिखते हुए आग्रह किया कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की मांगों पर निर्णय लेना चाहिए ताकि झारखंड प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारी राज्य को बेहतर दिशा में ले जाने के लिए सुचारू और अच्छे तरीके से काम कर सके.
झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित किए जाने की मांग
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने सरकार से मांग करते हुए आग्रह किया कि झारखंड में भी बिहार की तर्ज पर झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित किया जाए. इसके अलावा झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी, अपर सचिव स्तर के पदाधिकारी और विशेष सचिव स्तर के पदाधिकारियों के लिए सातवें वेतनमान के भी स्वीकृति का आग्रह किया है. वहीं झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारियों ने सरकार से आग्रह किया कि पदाधिकारियों के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार जनप्रतिनिधियों की ओर से किया जाए. इसको लेकर सरकार की ओर से दिशा निर्देश निर्गत किए जाएं.
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प्रतीक्षारत अवधि के वेतन भुगतान की व्यवस्था
प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों की पदस्थापन की प्रतीक्षा अवधि में उन्हें कोई कार्य आवंटित नहीं किया जाता और न ही उनके बैठने की कोई जगह निश्चित होती है. इसके साथ ही इस अवधि के दौरान उन्हें कोई वेतन भी नहीं दिया जाता, जिस वजह से अधिकारियों को आए दिन परिवारिक और निजी संकटों से गुजरना पड़ता है. इसको लेकर संघ ने मांग किया कि प्रतीक्षारत अवधि में उन्हें उपस्थिति दर्ज करने से मुक्त किया जाए और प्रतीक्षारत अवधि के वेतन भुगतान की भी व्यवस्था की जाए.