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बीजेपी प्रवक्ता मिस्फीका हसन के खिलाफ एसीबी ने दर्ज किया केस, डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे मामले की जांच - भारतीय जनता पार्टी

Case against BJP spokesperson Misfika Hasan. भाजपा प्रवक्ता मिस्फीका हसन के खिलाफ एसीबी ने केस दर्ज कर लिया है. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इस मामले की अब एसीबी के डीएसपी रैंक के अधिकारी जांच करेंगे.

Case against BJP spokesperson Misfika Hasan
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 6, 2023, 10:53 PM IST

रांची: भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता मिस्फीका हसन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है. इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि मिस्फीका हसन जब झारखंड के पाकुड़ की इलमी पंचायत की मुखिया थीं, तब उन पर पद का दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट, निगरानी एवं सचिवालय विभाग को अगस्त माह में पीई दर्ज करने की अनुमति दी थी. मुख्यमंत्री से अनुमति मिलने के बाद विभाग ने 16 नवंबर को इस संबंध में एसीबी को पत्र भेजा. जिसके बाद एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच अब एसीबी के डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.

अचल संपत्ति बनाने का आरोप: मिस्फीका हसन पर मुखिया पद पर रहते हुए छह से आठ जगहों पर अचल संपत्ति खरीदने का आरोप है. साल 2018 में मिस्फीका हसन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. दर्ज शिकायत के आधार पर एसीबी ने पहले इस मामले में आईआर दर्ज की थी. अब पूरे मामले में आईआर के आधार पर पीई दर्ज की गई है. पीई जांच में अगर मिस्फीका हसन की संपत्ति आय से अधिक पाई गई तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

कौन हैं मिस्फीका हसन?: मिस्फीका हसन बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री के साथ ही प्रवक्ता भी हैं. झारखंड के साथ ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी वह सक्रिय हैं. भाजपा में शामिल होने से पहले वह पाकुड़ की इलमी पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं.

रांची: भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता मिस्फीका हसन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है. इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि मिस्फीका हसन जब झारखंड के पाकुड़ की इलमी पंचायत की मुखिया थीं, तब उन पर पद का दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट, निगरानी एवं सचिवालय विभाग को अगस्त माह में पीई दर्ज करने की अनुमति दी थी. मुख्यमंत्री से अनुमति मिलने के बाद विभाग ने 16 नवंबर को इस संबंध में एसीबी को पत्र भेजा. जिसके बाद एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले की जांच अब एसीबी के डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.

अचल संपत्ति बनाने का आरोप: मिस्फीका हसन पर मुखिया पद पर रहते हुए छह से आठ जगहों पर अचल संपत्ति खरीदने का आरोप है. साल 2018 में मिस्फीका हसन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. दर्ज शिकायत के आधार पर एसीबी ने पहले इस मामले में आईआर दर्ज की थी. अब पूरे मामले में आईआर के आधार पर पीई दर्ज की गई है. पीई जांच में अगर मिस्फीका हसन की संपत्ति आय से अधिक पाई गई तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

कौन हैं मिस्फीका हसन?: मिस्फीका हसन बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री के साथ ही प्रवक्ता भी हैं. झारखंड के साथ ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी वह सक्रिय हैं. भाजपा में शामिल होने से पहले वह पाकुड़ की इलमी पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं.

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