रांची: झारखंड में मैट्रिक इंटर की परीक्षा को लेकर अभी भी संशय बरकरार है. जिले के जैक से जुड़े स्कूलों के शिक्षक, प्रधानाध्यापक और परीक्षार्थी भी असमंजस की स्थिति में ही हैं. परीक्षा होगी कि नहीं, अगर होगी तो किस आधार पर होगी. अब तक इसे लेकर जैक या शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.
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राज्य में झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर अभी भी उहापोह की स्थिति बरकरार है. हालांकि जानकारी मिल रही है कि पहले जो नियम परीक्षा को लेकर लागू की गई थी. उस नियम में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बदलाव किए गए हैं. अब राज्य में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा एक ही टर्म में आयोजित की जाएगी. ऑब्जेक्टिव, सब्जेक्टिव प्रश्न एक साथ पूछे जा सकेंगे या फिर सिर्फ ओएमआर सीट पर ऑब्जेक्टिव सवालों के आधार पर परीक्षा ली जाएगी. इसे लेकर फिलहाल निर्णय नहीं हो सका है. लेकिन झारखंड एकेडमिक काउंसिल और शिक्षा विभाग मंथन कर रहा है.
सबसे बड़ी परेशानी यह है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल में अध्यक्ष नहीं होने की वजह से परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं. कोरोना की वजह से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल के शिक्षक सैंपल क्वेश्चन पेपर के आधार पर तैयारी करवा रहे हैं. लेकिन स्कूल प्रबंधकों को परीक्षा को लेकर कोई विशेष गाइडलाइन अब तक नहीं दिया गया है.
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नहीं जारी हुई है स्पष्ट गाइडलाइन: पहले बताया गया था कि झारखंड मैट्रिक इंटर की परीक्षा दो टर्म में आयोजित होंगी. लेकिन अब जानकारी दी जा रही है कि एक टर्म में यह परीक्षा आयोजित होगी. इसका भी स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है. सरकारी स्कूल के विद्यार्थी अपने शिक्षक से व्हाट्सएप के माध्यम से लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि उनका एग्जाम कब होगा और कैसे लिया जाएगा. लेकिन शिक्षकों के पास इस सवाल का जवाब नहीं है. बच्चों के मन में लगातार उलझन बढ़ रही है. लेकिन इन दोनों परीक्षाओं को लेकर शिक्षा विभाग की कोई मुकम्मल तैयारी नहीं दिख रही है.
7 लाख से अधिक परीक्षार्थी देंगे झारखंड में मैट्रिक इंटर की परीक्षा: झारखंड में मैट्रिक इंटर की परीक्षा में लगभग 7 लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले हैं. इसके बावजूद परीक्षा को लेकर विशेष तैयारी ना होना आने वाले समय में परेशानी का सबब बन सकता है.