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कोई हमदम न रहा कोई सहारा न रहा, हम किसी के...

झारखंड विधानसभा चुनाव के रण में बीजेपी के खिलाफ उतरकर जेडीयू और एलजेपी ने मुश्किल खड़ी कर दी है. हालांकि बीजेपी इससे इत्तेफाक नहीं रखती. बीजेपी नेता इस चुनाव परिणाम से बिहार में एनडीए गठबंधन पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ने की बात कह रहे हैं.

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Published : Nov 15, 2019, 11:40 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए झारखंड चुनाव में बिखर गया है. बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और एलजेपी झारखंड में दो-दो हाथ करने वाली है. दोनों दलों के नेता ने इसका ऐलान भी कर दिया है. जेडीयू और लोजपा के झारखंड में बीजेपी के खिलाफ चुनाव में उतरने पर सहयोगी दल की मुश्किल बढ़ने वाली है. वहीं इस चुनाव के परिणाम का असर बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.

देखें पूरी खबर

झारखंड में बीजेपी के सहयोगी दलों के बीच बिखराब से एनडीए की एकता पर सवाल खड़ा हो रहा है. जहां एक तरफ एलजेपी (LJP) 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला कर चुकी है. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. एलजेपी प्रदेश प्रवक्ता मो. अशरफ ने ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी से गठबंधन करने की कोशिश की गई.

एलजेपी प्रदेश प्रवक्ता मो. अशरफ के मुताबिक चिराग पासवान ने बीजेपी से 6 सीट की मांग की. लेकिन गठबंधन नहीं हो सका. जिसके बाद प्रदेश के नेताओं के दबाव के कारण चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया. एलजेपी रामविलास पासवान के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी. हालांकि एलजेपी प्रवक्ता ने चुनाव का असर बिहार में गठबंधन पर नहीं पड़ने की बात भी कही.

राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए जेडीयू लड़ रही चुनाव
दूसरी तरफ बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू का अपना मत है. प्रवक्ता राजीव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी के साथ गठबंधन सिर्फ बिहार में है. जेडीयू दूसरे राज्यों में पार्टी विस्तार के लिए चुनाव लड़ रही है. राजीव रंजन का कहना है कि उनकी पार्टी जेडीयू को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाना चाहती है. इस कारण दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रहे हैं. हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी.

यह भी पढ़ें- झारखंड का 20वां स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी ने राज्य की जनता को दी बधाई

जेडीयू-एलजेपी के साथ बिहार में गठबंधन
वहीं बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि लोजपा और जेडीयू से उसका गठबंधन सिर्फ बिहार में है. अगर दोंनों दल दूसरे राज्य में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का मानना है कि झारखंड चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ने से इसका असर बिहार में नहीं होगा. हालांकि झारखंड चुनाव में अगर जेडीयू और एलजेपी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है. परिणाम दोंनों दलों के पक्ष में आते हैं. तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो जाएगी. ऐसे में बीजेपी के लिए दबाव वाली स्थिति रहेगी.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए झारखंड चुनाव में बिखर गया है. बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और एलजेपी झारखंड में दो-दो हाथ करने वाली है. दोनों दलों के नेता ने इसका ऐलान भी कर दिया है. जेडीयू और लोजपा के झारखंड में बीजेपी के खिलाफ चुनाव में उतरने पर सहयोगी दल की मुश्किल बढ़ने वाली है. वहीं इस चुनाव के परिणाम का असर बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.

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झारखंड में बीजेपी के सहयोगी दलों के बीच बिखराब से एनडीए की एकता पर सवाल खड़ा हो रहा है. जहां एक तरफ एलजेपी (LJP) 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला कर चुकी है. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. एलजेपी प्रदेश प्रवक्ता मो. अशरफ ने ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी से गठबंधन करने की कोशिश की गई.

एलजेपी प्रदेश प्रवक्ता मो. अशरफ के मुताबिक चिराग पासवान ने बीजेपी से 6 सीट की मांग की. लेकिन गठबंधन नहीं हो सका. जिसके बाद प्रदेश के नेताओं के दबाव के कारण चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया. एलजेपी रामविलास पासवान के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी. हालांकि एलजेपी प्रवक्ता ने चुनाव का असर बिहार में गठबंधन पर नहीं पड़ने की बात भी कही.

राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए जेडीयू लड़ रही चुनाव
दूसरी तरफ बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू का अपना मत है. प्रवक्ता राजीव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि बीजेपी के साथ गठबंधन सिर्फ बिहार में है. जेडीयू दूसरे राज्यों में पार्टी विस्तार के लिए चुनाव लड़ रही है. राजीव रंजन का कहना है कि उनकी पार्टी जेडीयू को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाना चाहती है. इस कारण दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ रहे हैं. हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी.

यह भी पढ़ें- झारखंड का 20वां स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी ने राज्य की जनता को दी बधाई

जेडीयू-एलजेपी के साथ बिहार में गठबंधन
वहीं बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि लोजपा और जेडीयू से उसका गठबंधन सिर्फ बिहार में है. अगर दोंनों दल दूसरे राज्य में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का मानना है कि झारखंड चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ने से इसका असर बिहार में नहीं होगा. हालांकि झारखंड चुनाव में अगर जेडीयू और एलजेपी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है. परिणाम दोंनों दलों के पक्ष में आते हैं. तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो जाएगी. ऐसे में बीजेपी के लिए दबाव वाली स्थिति रहेगी.

Intro: मिशन 2020 से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर झारखंड चुनाव को लेकर तकरार शुरू हो गया है जदयू और लोजपा ने झारखंड में भाजपा से दो-दो हाथ करने का फैसला ले लिया है जाहिर तौर पर झारखंड में भाजपा की परेशानी बढ़ सकती है और उसके दूरगामी परिणाम बिहार विधानसभा चुनाव पर भी पढ़ सकते हैं


Body:राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की एकता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं एनडीए K2 सहयोगी यदि और लोजपा ने झारखंड में भाजपा से दो-दो हाथ करने का फैसला लिया है लोजपा जहां 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी वहीं जदयू सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है जाहिर तौर पर इंडिया के दोनों सहयोगी दल झारखंड में भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं


Conclusion: दरअसल लोजपा का मानना है कि हमारे पार्टी दिल्ली और बिहार में भाजपा के सहयोगी पार्टी है लिहाजा झारखंड में भी गठबंधन होना चाहिए लोजपा की ओर से 6 सीटों की मांग रखी गई थी लेकिन सहमति नहीं बनने के चलते लोजपा ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है। लोजपा रामविलास पासवान के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी।
जदयू का मानना है कि भाजपा के साथ हमारा गठबंधन बिहार में है और दूसरे राज्यों में हम पार्टी के विस्तार के लिए और अपने विधायक जिताने के लिए चुनाव लड़ते हैं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि जदयू पार्टी का विस्तार कर रही है और राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बने इसके लिए हम दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ते हैं हर पार्टी को इस बात का अधिकार है यदि नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर झारखंड में वोट मांगेगी।
भाजपा ने स्पष्ट किया है कि लोजपा और जदयू से हमारा गठबंधन बिहार में है और अगर वह दूसरे राज्य में हमारे खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है और इसका असर बिहार में गठबंधन पर पड़ने वाला नहीं है।
झारखंड के अंदर अगर जदयू और लोजपा अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है और कुछ सीटें के पक्ष में आती हैं तो जाहिर तौर पर प्यार में भी सीट चेकिंग के दौरान दोनों दल भाजपा पर दबाव बढ़ाएंगे
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