ETV Bharat / state

झारखंड में JDU का सुपड़ा साफ, हार का ठीकरा BJP पर फोड़ा

author img

By

Published : Dec 24, 2019, 5:26 PM IST

झारखंड में महागठबंधन की शानदार जीत से कांग्रेस और जेएमएम खेमे में खुशी की लहर है. झारखंड के 81 सीटों में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 47 सीट के साथ पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में बीजेपी और गठबंधन के विपक्षी दलों में उदासी देखी जा रही है. प्रदेश जेडीयू ने प्रेस वार्ता कर अपनी हार का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा है.

JDU clean sweeps in Jharkhand assembly elections
कृष्णानंद मिश्रा

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद महागठबंधन खेमे में खुशी की लहर देखी जा रही है. वहीं बीजेपी और गठबंधन के विपक्षी पार्टियों में उदासी छायी है. मंगलवार को प्रदेश जेडीयू ने प्रेस वार्ता कर अपनी हार की वजह बीजेपी को ठहराया है.

देखें पूरी खबर

चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद अपने दावे को लेकर दूसरे को जिम्मेवार ठहराने में लग गए हैं. ऐसे ही चुनाव के पहले झारखंड में बिहार की तरह जेडीयू भी जीत का दावा कर रही थी लेकिन चुनाव के बाद पार्टी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गई है. चुनाव परिणाम के बाद मिल रहे आंकड़ों के अनुसार जनता दल यूनाइटेड को नोटा से भी कम वोट प्राप्त हुए हैं, जो निश्चित रूप से दर्शाता है कि झारखंड की जनता ने जेडीयू को पूरी तरह से नकार दिया है.

BJP का खामियाजा JDU को भुगतना पड़ा

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि जिस प्रकार से झारखंड में जनादेश आया है, इससे यही प्रतीत हो रहा है कि झारखंड की सरकार के प्रति लोगों में काफी आक्रोश था. जिसको लेकर उन्होंने विपक्ष को अपना मत करना ज्यादा सही समझा और बीजेपी के प्रति लोगों के आक्रोश का खामियाजा जनता दल यूनाइटेड को भुगतना पड़ रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि लोग बीजेपी के विकल्प में विपक्ष को चुनना ज्यादा पसंद किया, क्योंकि लोगों के बीच यह संदेश और दुष्प्रचार किया गया कि जेडीयू बीजेपी समर्थित पार्टी है. जिसको लेकर लोगों ने जेएमएम और कांग्रेस को मत कर के जिताने का काम किया.

नीतीश कुमार के प्रचार-प्रसार नहीं करना भी बनी हार की वजह

कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि कहीं ना कहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष नीतीश कुमार के प्रचार-प्रसार में शामिल नहीं होना भी लोगों के बीच में गलत संदेश दिया. इसी वजह से जनता दल यूनाइटेड को लोगों ने खारिज करने का काम किया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस ऑफिस में बढ़ी रौनक, पार्टी ने राज्य की जनता का जताया आभार

गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड झारखंड में राष्ट्रीय पार्टी बनने को लेकर वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए झारखंड की जनता के बीच गई थी, लेकिन झारखंड की जनता ने उनको सिरे से खारिज कर पूरी तरह से नकार दिया. वहीं, झारखंड इकाई के जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2019 की हार को लेकर अपने पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और आने वाले चुनाव में एक बार फिर से मजबूती के साथ जनता के बीच जाने का काम करेंगे.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद महागठबंधन खेमे में खुशी की लहर देखी जा रही है. वहीं बीजेपी और गठबंधन के विपक्षी पार्टियों में उदासी छायी है. मंगलवार को प्रदेश जेडीयू ने प्रेस वार्ता कर अपनी हार की वजह बीजेपी को ठहराया है.

देखें पूरी खबर

चुनाव से पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद अपने दावे को लेकर दूसरे को जिम्मेवार ठहराने में लग गए हैं. ऐसे ही चुनाव के पहले झारखंड में बिहार की तरह जेडीयू भी जीत का दावा कर रही थी लेकिन चुनाव के बाद पार्टी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गई है. चुनाव परिणाम के बाद मिल रहे आंकड़ों के अनुसार जनता दल यूनाइटेड को नोटा से भी कम वोट प्राप्त हुए हैं, जो निश्चित रूप से दर्शाता है कि झारखंड की जनता ने जेडीयू को पूरी तरह से नकार दिया है.

BJP का खामियाजा JDU को भुगतना पड़ा

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि जिस प्रकार से झारखंड में जनादेश आया है, इससे यही प्रतीत हो रहा है कि झारखंड की सरकार के प्रति लोगों में काफी आक्रोश था. जिसको लेकर उन्होंने विपक्ष को अपना मत करना ज्यादा सही समझा और बीजेपी के प्रति लोगों के आक्रोश का खामियाजा जनता दल यूनाइटेड को भुगतना पड़ रहा है. वहीं, उन्होंने बताया कि लोग बीजेपी के विकल्प में विपक्ष को चुनना ज्यादा पसंद किया, क्योंकि लोगों के बीच यह संदेश और दुष्प्रचार किया गया कि जेडीयू बीजेपी समर्थित पार्टी है. जिसको लेकर लोगों ने जेएमएम और कांग्रेस को मत कर के जिताने का काम किया.

नीतीश कुमार के प्रचार-प्रसार नहीं करना भी बनी हार की वजह

कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि कहीं ना कहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष नीतीश कुमार के प्रचार-प्रसार में शामिल नहीं होना भी लोगों के बीच में गलत संदेश दिया. इसी वजह से जनता दल यूनाइटेड को लोगों ने खारिज करने का काम किया है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस ऑफिस में बढ़ी रौनक, पार्टी ने राज्य की जनता का जताया आभार

गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड झारखंड में राष्ट्रीय पार्टी बनने को लेकर वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए झारखंड की जनता के बीच गई थी, लेकिन झारखंड की जनता ने उनको सिरे से खारिज कर पूरी तरह से नकार दिया. वहीं, झारखंड इकाई के जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2019 की हार को लेकर अपने पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और आने वाले चुनाव में एक बार फिर से मजबूती के साथ जनता के बीच जाने का काम करेंगे.

Intro:झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद महागठबंधन खेमे में खुशी की लहर देखी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी और अन्य पार्टियों में उदासी देखी जा रही है।

चुनाव से पूर्व झारखंड में बिहार की तरह जनता दल यूनाइटेड भी जीत का दावा कर रही थी लेकिन चुनाव के बाद पार्टी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गई है।

मिल रहे आंकड़े के अनुसार जनता दल यूनाइटेड को नोटा से भी कम वोट प्राप्त हुए हैं जो निश्चित रूप से दर्शाता है कि झारखंड की जनता ने जेडीयू को पूरी तरह से नकार दिया है।




Body:जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णानंद मिश्रा बताते हैं कि जिस प्रकार से झारखंड में जनादेश आया है इससे यही प्रतीत हो रहा है कि झारखंड की सरकार के प्रति लोगों को काफी आक्रोश था जिसको लेकर उन्होंने विपक्ष को अपना मत करना ज्यादा सही समझा और भारतीय जनता पार्टी के प्रति लोगों के आक्रोश का खामियाजा जनता दल यूनाइटेड को भुगतना पड़ रहा है।

वहीं उन्होंने बताया कि लोग भाजपा के विकल्प में विपक्ष को चुनना ज्यादा पसंद किए क्योंकि लोगों के बीच यह संदेश और दुष्प्रचार किया गया कि जनता दल यूनाइटेड भाजपा समर्थित पार्टी है जिसको लेकर लोगों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस को मत कर के जिताने का काम किया।

नितीश कुमार के प्रचार प्रसार नहीं करना भी हार की बनी वजह।

वही कृष्णानंद मिश्रा ने बताया कि कहीं ना कहीं राष्ट्राध्यक्ष अध्यक्ष नीतीश कुमार के द्वारा प्रचार-प्रसार नहीं करने को लेकर भी लोगों के बीच में गलत संदेश गया है और इसी वजह से जनता दल यूनाइटेड को लोगों ने खारिज करने का काम किया है।




Conclusion:गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड झारखंड में राष्ट्रीय पार्टी बनने को लेकर मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए झारखंड की जनता के बीच गई थी लेकिन झारखंड की जनता ने उन को सिरे से खारिज कर पूरी तरह से नकार दिया।

वहीं झारखंड इकाई के जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं ने कहा कि 2019 की हार को लेकर अपने पार्टी के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और आने वाले चुनाव में एक बार फिर से मजबूती के साथ जनता के बीच जाने का काम करेंगे।

बाइट- के.एन मिश्रा,उपाध्यक्ष,जेडीयू,झारखंड ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.