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जामताड़ा मॉड्यूल रोकेगा साइबर अपराध, टीम में चार राज्य शामिल

झारखंड में साइबर अपराध रोकने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर ज्वाइंट साइबर इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है (Joint Cyber Investigation Team For Cyber Crime). इस टीम में अलग अलग मॉडयूल से प्रभावित राज्यों की पुलिस के साथ-साथ गृह मंत्रालय के अफसरों की टीम भी शामिल होगी. इसी के साथ राज्य में साइबर अपराध रोकने के लिए जामताड़ा मॉड्यूल (Jamtara Module for Stopping Cyber Crime) अपनाया जाएगा.

Jamtara Module for Stopping Cyber Crime
Jamtara Module for Stopping Cyber Crime
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Published : Oct 8, 2022, 12:49 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 1:19 PM IST

रांची: साइबर अपराध के लिए देशभर में झारखंड का जामताड़ा बेहद बदनाम है. लेकिन अब जामताड़ा मॉड्यूल ही साइबर अपराध के खिलाफ बड़ा हथियार (Jamtara Module for Stopping Cyber Crime) बनेगा. गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश भर में साइबर अपराध के हॉटस्पाट के आधार पर प्रभावित राज्यों की टीम बनायी गई है. जो एक साथ मिलकर साइबर अपराध के खिलाफ काम करेंगे.

यह भी पढ़ें: रांची में साइबर ठगी का नया पैंतराः मकान किराए पर लेने के नाम पर डॉक्टर के खाते से उड़ाए 2.23 लाख रुपए


क्या है जामताड़ा मॉड्यूल: दरअसल झारखंड का जामताड़ा बीते कई सालों से साइबर अपराधियों का गढ़ बनकर उभरा है. ऐसे में जामताड़ा के नाम पर प्रभावित राज्यों की एक टीम बनाई गई है, जिसे जामताड़ा मॉड्यूल नाम दिया गया है (Jamtara Module in Jharkhand). केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अब संबंधित मॉड्यूल के प्रभावित राज्य एक साथ मिलकर साइबर अपराध से निपटने की दिशा में काम करेंगे. यूपी के मेवात में भी साइबर अपराधियों की गतिविधियोां जामताड़ा की तर्ज पर ही उभरी हैं. ऐसे में वहां के प्रभावित राज्यों के लिए अलग से मेवात मॉडयूल बना है.


ज्वाइंट साइबर इंवेस्टिगेशन टीम की अहम भूमिका: साइबर अपराध को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ज्वाइंट साइबर इंवेस्टिगेशन टीम (Joint Cyber Investigation Team For Cyber Crime) बनायी है. इस टीम में अलग अलग मॉडयूल से प्रभावित राज्यों की पुलिस के साथ- साथ गृह मंत्रालय के अफसरों की टीम भी शामिल है. जामताड़ा माड्यूल में जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, धनबाद जिलों में सक्रिय साइबर अपराधियों की संलिप्तता है. वहीं बिहार के नवादा, नालंदा, शेखपुरा व गया में भी इसी गिरोह के अपराधियों की संलिप्तता सामने आयी है. वहीं संथाल परगना से सटे बंगाल के जिलों में भी साइबर अपराधियों की सक्रियता रही है. ऐसे में जामताड़ा मॉडयूल में बिहार व बंगाल को भी प्रभावित राज्यों की श्रेणी में रखा गया है.


साइबर अपराध से मुक्ति के लिए कई योजनाएं: बीते कुछ माह पूर्व गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने साइबर अपराध से प्रभावित जामताड़ा व देवघर जिला का दौरा किया था. जामताड़ा व देवघर में जिन इलाकों को हॉट स्पाट के तौर पर चिन्हित किया गया था, उन जगहों में युवाओं को रोजगार के विकल्प देने, साइबर जगत से जुड़ी नौकरियों या स्वरोजगार से जोड़ने की पहल करने से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की गई थी. वहीं साइबर अपराधियों के खिलाफ एक्शन लिया जा सके, इसे लेकर भी पांच राज्यों की कार्डिनेशन कमेटी की बैठक में चर्चा हुई थी. झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िसा व छतीसगढ़ पुलिस ने साइबर अपराधियों समेत अन्य अपराधियों की सूची का आदान प्रदान किया था, ताकि कार्रवाई की जा सके.

रांची: साइबर अपराध के लिए देशभर में झारखंड का जामताड़ा बेहद बदनाम है. लेकिन अब जामताड़ा मॉड्यूल ही साइबर अपराध के खिलाफ बड़ा हथियार (Jamtara Module for Stopping Cyber Crime) बनेगा. गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश भर में साइबर अपराध के हॉटस्पाट के आधार पर प्रभावित राज्यों की टीम बनायी गई है. जो एक साथ मिलकर साइबर अपराध के खिलाफ काम करेंगे.

यह भी पढ़ें: रांची में साइबर ठगी का नया पैंतराः मकान किराए पर लेने के नाम पर डॉक्टर के खाते से उड़ाए 2.23 लाख रुपए


क्या है जामताड़ा मॉड्यूल: दरअसल झारखंड का जामताड़ा बीते कई सालों से साइबर अपराधियों का गढ़ बनकर उभरा है. ऐसे में जामताड़ा के नाम पर प्रभावित राज्यों की एक टीम बनाई गई है, जिसे जामताड़ा मॉड्यूल नाम दिया गया है (Jamtara Module in Jharkhand). केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अब संबंधित मॉड्यूल के प्रभावित राज्य एक साथ मिलकर साइबर अपराध से निपटने की दिशा में काम करेंगे. यूपी के मेवात में भी साइबर अपराधियों की गतिविधियोां जामताड़ा की तर्ज पर ही उभरी हैं. ऐसे में वहां के प्रभावित राज्यों के लिए अलग से मेवात मॉडयूल बना है.


ज्वाइंट साइबर इंवेस्टिगेशन टीम की अहम भूमिका: साइबर अपराध को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ज्वाइंट साइबर इंवेस्टिगेशन टीम (Joint Cyber Investigation Team For Cyber Crime) बनायी है. इस टीम में अलग अलग मॉडयूल से प्रभावित राज्यों की पुलिस के साथ- साथ गृह मंत्रालय के अफसरों की टीम भी शामिल है. जामताड़ा माड्यूल में जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, धनबाद जिलों में सक्रिय साइबर अपराधियों की संलिप्तता है. वहीं बिहार के नवादा, नालंदा, शेखपुरा व गया में भी इसी गिरोह के अपराधियों की संलिप्तता सामने आयी है. वहीं संथाल परगना से सटे बंगाल के जिलों में भी साइबर अपराधियों की सक्रियता रही है. ऐसे में जामताड़ा मॉडयूल में बिहार व बंगाल को भी प्रभावित राज्यों की श्रेणी में रखा गया है.


साइबर अपराध से मुक्ति के लिए कई योजनाएं: बीते कुछ माह पूर्व गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने साइबर अपराध से प्रभावित जामताड़ा व देवघर जिला का दौरा किया था. जामताड़ा व देवघर में जिन इलाकों को हॉट स्पाट के तौर पर चिन्हित किया गया था, उन जगहों में युवाओं को रोजगार के विकल्प देने, साइबर जगत से जुड़ी नौकरियों या स्वरोजगार से जोड़ने की पहल करने से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की गई थी. वहीं साइबर अपराधियों के खिलाफ एक्शन लिया जा सके, इसे लेकर भी पांच राज्यों की कार्डिनेशन कमेटी की बैठक में चर्चा हुई थी. झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िसा व छतीसगढ़ पुलिस ने साइबर अपराधियों समेत अन्य अपराधियों की सूची का आदान प्रदान किया था, ताकि कार्रवाई की जा सके.

Last Updated : Oct 8, 2022, 1:19 PM IST
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