रांची: राज्य में ग्रामीण पेयजल योजना जल जीवन मिशन दम तोड़ रही है. झारखंड सरकार के सहयोग से राज्य में चल रहे भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की रफ्तार धीमी है. लक्ष्य के अनुसार 2024 तक राज्य के कुल 59,23,320 ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल घर घर पहुंचाना है लेकिन अभी तक 9,96,485 ग्रामीण परिवारों तक जल जीवन मिशन के तहत नल लगाए गए हैं. ऐसे में शेष बचे समय में लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूरा करना बेहद ही चुनौतीपूर्ण है.
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दुर्गम क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है चुनौती: राज्य के पठारी और पहाड़ी इलाकों में रह रहे लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना बेहद ही कठिन काम है. केन्द्र के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में परेशानी आ रही है. सरकार ने इसके लिए वृहत कार्ययोजना बनाई है, मगर कार्य की धीमी रफ्तार के कारण लोगों के घर तक नल लगने में परेशानी हो रही है. जहां नल जल के तहत वाटर कनेक्शन लग भी रहे हैं वो भी कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. राजधानी से सटे नामकुम के खिजड़ी गांव में जमीनी हकीकत यह है कि नल जल योजना के तहत हर घर में वाटर कनेक्शन नहीं दिया गया है, इसके अलावा जो भी नल लगे हैं वो या तो खराब हैं या टूट चूके हैं. जिसके कारण ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है. गांव की सावित्री देवी का मानना है कि गर्मी में पेयजल के लिए उन्हें दूर से पानी लाना पड़ता है. जब घर के पास नल लगा तो उम्मीद थी कि अब परेशानी दूर होगी मगर समस्या जस की तस बनी हुई है.
2024 तक जल नल योजना का लक्ष्य अवश्य होगा पूरा- मंत्री: राज्य में जल नल योजना की धीमी रफ्तार को खारिज करते हुए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार महज चार लाख नल लगा पाई थी, जबकि हमारी सरकार ने दो वर्ष के अंदर 8 लाख घरों तक शुद्ध जल पहुंचाने का काम किया है.
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के भौगोलिक क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा दो प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके तहत एकल ग्राम जलापूर्ति योजना जो भूगर्भ जल पर आधारित होता है एवं बहुग्राम या वृहद जलापूर्ति योजना जो सतही जल स्रोतों जैसे नदी एवं अन्य सुरक्षित जलाशयों पर आधारित होती है, जिसके पानी को फिल्टर करके सप्लाई किया जाता है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जलापूर्ति करना है, मगर कार्य की धीमी रफ्तार ने झारखंड में इस योजना को समय से पूरा होने पर ग्रहण लगा दिया है.