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एक बार फिर कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, मैट्रिक-इंटर की परीक्षा को लेकर JAC की बढ़ी मुश्किलें

मैट्रिक और इंटरमीडिएट फाइनल परीक्षा को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से शेड्यूल जारी कर दिया गया हैं. ऐसे में सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कोरोना महामारी का प्रकोप अब एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में परीक्षा संचालन को लेकर जैक और शिक्षा विभाग किस स्ट्रेटजी के साथ परीक्षाएं आयोजित करवाएगा.

JAC problems increase due to matriculation-inter examination in corona period
मैट्रिक-इंटर की परीक्षा को लेकर JAC की बढ़ी मुश्किलें
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Published : Mar 26, 2021, 5:30 PM IST

रांची: एक तरफ झारखंड समेत पूरे देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब धीरे-धीरे विभिन्न परीक्षाओं की तारीख भी नजदीक आ रही है. इन परीक्षाओं में झारखंड के लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेंगे. इधर, मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 4 मई से शुरू हो रहीं हैं तो 6 अप्रैल से प्रैक्टिकल एग्जाम की शुरुआत होने जा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-10वीं की परीक्षा की तैयारीः शिक्षक स्कूल प्रबंधक संबंधित बोर्ड परीक्षार्थियों को दे रहे हैं परामर्श

थ्योरी पेपर 4 मई से होगा शुरू
मैट्रिक और इंटरमीडिएट फाइनल परीक्षा को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से शेड्यूल जारी कर दिए गए हैं. विद्यार्थियों तक मॉडल टेस्ट पेपर भी मुहैया कराया जा चुका है. इन दोनों परीक्षाओं से पहले अप्रैल में मॉक टेस्ट का भी आयोजन किया जा रहा है. 26 अप्रैल से मैट्रिक और इंटरमीडिएट के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा, जबकि 6 अप्रैल से ही इन दोनों परीक्षाएं प्रैक्टिकल के साथ शुरू हो रही हैं. वहीं, थ्योरी पेपर 4 मई से शुरू होगी.

फिर बढ़ रहा है कोरोना का प्रकोप
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना महामारी का प्रकोप अब एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में परीक्षा संचालन को लेकर जैक और शिक्षा विभाग किस स्ट्रेटजी के साथ परीक्षाएं करवाएगा यह नहीं पता चल पा रहा है. हालांकि, पहले ही तय कर लिया गया है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी. कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह ख्याल रखा जाएगा. इसके बावजूद अभिभावकों को चिंता सता रही है.

ये भी पढ़ें-10वीं की परीक्षा की तैयारीः शिक्षक स्कूल प्रबंधक संबंधित बोर्ड परीक्षार्थियों को दे रहे हैं परामर्श

विद्यार्थियों की उपस्थिति कम
यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकारी विद्यालयों में 10वीं और 12वीं कक्षा में अभी भी विद्यार्थियों की उपस्थिति 45 से 50 फीसदी ही है. अप्रैल महीने में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल एग्जाम आखिर कैसे लिया जाएगा, क्योंकि शत प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल पहुंच ही नहीं रहे हैं. अभिभावक भी स्कूलों में विद्यार्थियों को फिलहाल भेजना नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में प्रैक्टिकल एग्जाम कंडक्ट करने में स्कूल प्रबंधकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर तैयारियां हो चुकी है और निर्धारित समय पर परीक्षाएं आयोजित की जाएगी.

पैर पसार रहा है कोरोना
काफी तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इन दिनों इजाफा हो रहा है. एक बार फिर विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावक भी कोरोना से डरे हुए हैं. स्कूलों में अचानक उपस्थिति कम हो रही है. ऐसे में इन परीक्षाओं के सफल आयोजन को लेकर शिक्षा विभाग और जैक की चिंताएं जरूर बढ़ी है.

रांची: एक तरफ झारखंड समेत पूरे देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अब धीरे-धीरे विभिन्न परीक्षाओं की तारीख भी नजदीक आ रही है. इन परीक्षाओं में झारखंड के लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेंगे. इधर, मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 4 मई से शुरू हो रहीं हैं तो 6 अप्रैल से प्रैक्टिकल एग्जाम की शुरुआत होने जा रहे हैं.

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थ्योरी पेपर 4 मई से होगा शुरू
मैट्रिक और इंटरमीडिएट फाइनल परीक्षा को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से शेड्यूल जारी कर दिए गए हैं. विद्यार्थियों तक मॉडल टेस्ट पेपर भी मुहैया कराया जा चुका है. इन दोनों परीक्षाओं से पहले अप्रैल में मॉक टेस्ट का भी आयोजन किया जा रहा है. 26 अप्रैल से मैट्रिक और इंटरमीडिएट के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा, जबकि 6 अप्रैल से ही इन दोनों परीक्षाएं प्रैक्टिकल के साथ शुरू हो रही हैं. वहीं, थ्योरी पेपर 4 मई से शुरू होगी.

फिर बढ़ रहा है कोरोना का प्रकोप
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना महामारी का प्रकोप अब एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में परीक्षा संचालन को लेकर जैक और शिक्षा विभाग किस स्ट्रेटजी के साथ परीक्षाएं करवाएगा यह नहीं पता चल पा रहा है. हालांकि, पहले ही तय कर लिया गया है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी. कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह ख्याल रखा जाएगा. इसके बावजूद अभिभावकों को चिंता सता रही है.

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विद्यार्थियों की उपस्थिति कम
यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकारी विद्यालयों में 10वीं और 12वीं कक्षा में अभी भी विद्यार्थियों की उपस्थिति 45 से 50 फीसदी ही है. अप्रैल महीने में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल एग्जाम आखिर कैसे लिया जाएगा, क्योंकि शत प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल पहुंच ही नहीं रहे हैं. अभिभावक भी स्कूलों में विद्यार्थियों को फिलहाल भेजना नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में प्रैक्टिकल एग्जाम कंडक्ट करने में स्कूल प्रबंधकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. मामले को लेकर जैक अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर तैयारियां हो चुकी है और निर्धारित समय पर परीक्षाएं आयोजित की जाएगी.

पैर पसार रहा है कोरोना
काफी तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इन दिनों इजाफा हो रहा है. एक बार फिर विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावक भी कोरोना से डरे हुए हैं. स्कूलों में अचानक उपस्थिति कम हो रही है. ऐसे में इन परीक्षाओं के सफल आयोजन को लेकर शिक्षा विभाग और जैक की चिंताएं जरूर बढ़ी है.

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