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Bicycle sharing system: विधानसभा में उठा साइकिल शेयरिंग सिस्टम का मुद्दा, BJP विधायक ने कहा- बिना स्पेशल ट्रैक के बेकार है योजना

झारखंड सरकार ने 2019 में साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की थी. विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने इस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 22 लाख लोगों के लिए सिर्फ बारह सौ साइकिल है. यही नहीं बिना ट्रैक के इस योजना का कोई मतलब नहीं है.

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Published : Mar 1, 2023, 4:39 PM IST

बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल और प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता

रांची: रांचीवासियों की सेहत का ख्याल रखते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से साल 2019 में राजधानी में पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की गई थी. इस व्यवस्था पर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने गंभीर सवाल उठाया. प्रश्नकाल में उन्होंने सरकार से पूछा कि राजधानी शहर की आबादी करीब 22 लाख है. इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ 60 स्टैंड और 600 पब्लिक साइकिल है.

ये भी पढ़ें: Planning Policy: नियोजन नीति लाने में जुटी सरकार, 73 फीसदी युवाओं ने 2016 के पहले की नियोजन नीति लाने की दी राय

हटिया, धुर्वा, बूटी मोड़ और डोरंडा जैसे प्राइम लोकेशन में साइकिल सेवा शुरू नहीं की गई है. जवाब में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम के सेकंड फेज के तहत 60 और स्टैंड तैयार किए जा रहे हैं, जहां 600 अतिरिक्त साइकिल की व्यवस्था होगी. अभी तक 41 स्टैंड का निर्माण कराया जा चुका है. बहुत जल्द ही रांची के लोगों के लिए 120 स्थानों पर 1200 साइकिल की व्यवस्था हो जाएगी. उन्होंने बताया कि स्टैंड पर साइकिल की व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त साइकिलों का प्रावधान है, क्योंकि लाभुकों के द्वारा साइकिलों का सरकुलेशन एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जाता है. इसलिए हर स्टैंड पर कमी की पूर्ति के लिए एजेंसी के वाहन से साइकिले पहुंचाई जाती है.

इस जवाब के बाद नवीन जायसवाल ने एक ऐसा पूरक पूछा जिसमें प्रभारी मंत्री उलझ गए. उन्होंने कहा कि साइकिलें तो आ जाएंगी लेकिन लोग उसे चलाएंगे कहां? साइकिल चलाने के लिए तो अलग से ट्रैक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेशों में इसके लिए अलग से ट्रैक होता है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में इस तरह की व्यवस्था बन रही है. विदेशों में साइकिल ट्रैक पर तो लोग पैदल भी नहीं चल पाते हैं. ऐसे में अगर यहां लोग सड़क पर साइकिल चलाएंगे तो दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी. जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क का चौड़ीकरण हो रहा है. जहां तक विदेशों की बात है तो वह इंडिया के बाहर गए ही नहीं हैं. जाएंगे तब तो पता चलेगा.

बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल और प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता

रांची: रांचीवासियों की सेहत का ख्याल रखते हुए नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से साल 2019 में राजधानी में पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम की शुरुआत की गई थी. इस व्यवस्था पर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने गंभीर सवाल उठाया. प्रश्नकाल में उन्होंने सरकार से पूछा कि राजधानी शहर की आबादी करीब 22 लाख है. इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ 60 स्टैंड और 600 पब्लिक साइकिल है.

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हटिया, धुर्वा, बूटी मोड़ और डोरंडा जैसे प्राइम लोकेशन में साइकिल सेवा शुरू नहीं की गई है. जवाब में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पब्लिक साइकिल शेयरिंग सिस्टम के सेकंड फेज के तहत 60 और स्टैंड तैयार किए जा रहे हैं, जहां 600 अतिरिक्त साइकिल की व्यवस्था होगी. अभी तक 41 स्टैंड का निर्माण कराया जा चुका है. बहुत जल्द ही रांची के लोगों के लिए 120 स्थानों पर 1200 साइकिल की व्यवस्था हो जाएगी. उन्होंने बताया कि स्टैंड पर साइकिल की व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त साइकिलों का प्रावधान है, क्योंकि लाभुकों के द्वारा साइकिलों का सरकुलेशन एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जाता है. इसलिए हर स्टैंड पर कमी की पूर्ति के लिए एजेंसी के वाहन से साइकिले पहुंचाई जाती है.

इस जवाब के बाद नवीन जायसवाल ने एक ऐसा पूरक पूछा जिसमें प्रभारी मंत्री उलझ गए. उन्होंने कहा कि साइकिलें तो आ जाएंगी लेकिन लोग उसे चलाएंगे कहां? साइकिल चलाने के लिए तो अलग से ट्रैक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेशों में इसके लिए अलग से ट्रैक होता है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में इस तरह की व्यवस्था बन रही है. विदेशों में साइकिल ट्रैक पर तो लोग पैदल भी नहीं चल पाते हैं. ऐसे में अगर यहां लोग सड़क पर साइकिल चलाएंगे तो दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी. जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क का चौड़ीकरण हो रहा है. जहां तक विदेशों की बात है तो वह इंडिया के बाहर गए ही नहीं हैं. जाएंगे तब तो पता चलेगा.

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