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ऑनलाइन डीड देखने की व्यवस्था पर रोक जरूरी, निजता के साथ राजस्व भी हुआ प्रभावित

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ऑनलाइन डीड देखने की व्यवस्था पर रोक लगाने का मुद्दा बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने उठाया. जवाब में मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोक लगाना जरूरी था.

issue of banning online deed viewing system raised in Assembly
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Published : Mar 10, 2022, 3:55 PM IST

Updated : Mar 10, 2022, 4:09 PM IST

रांची: झारखंड में ई-निबंध के तहत नि:शुल्क ऑनलाइन डीड देखने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. इसकी वजह से यहां के गरीबों को पैसे देकर जमीन के कागजात की सर्टिफाइड कॉपी देखनी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड आंदोलनकारियों को नहीं मिलेगा स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा, आयोग को दी जाएगी मजबूती

भाजपा विधायक बिरंची नारायण के ध्यानाकर्षण पर प्रभारी मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि 1940 से 2008 तक के सभी जिलों के डीड ऑनलाइन थे. लेकिन 21 जून 2021 से इस व्यवस्था को इसलिए बंद किया गया क्योंकि इसकी वजह से ना सिर्फ आम लोगों की निजता प्रभावित हो रही थी बल्कि सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा था.

प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था को बंद करने के पहले सर्टिफाइड कॉपी के आधार पर 1 साल में सरकार को ढाई करोड़ का राजस्व मिला था. लेकिन व्यवस्था के बंद होने के 8 माह के भीतर ही सरकार को 5 करोड़ का राजस्व मिला है. बिधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झारखंड में आदिवासी और मूलवासी के जमीन की लूट हो रही है. भू-माफिया और अधिकारी गठजोड़ से कारोबार चल रहा है. इसी वजह से डीड देखने की ऑनलाइन व्यवस्था हटा दी गई.

रांची: झारखंड में ई-निबंध के तहत नि:शुल्क ऑनलाइन डीड देखने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. इसकी वजह से यहां के गरीबों को पैसे देकर जमीन के कागजात की सर्टिफाइड कॉपी देखनी पड़ रही है.

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भाजपा विधायक बिरंची नारायण के ध्यानाकर्षण पर प्रभारी मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि 1940 से 2008 तक के सभी जिलों के डीड ऑनलाइन थे. लेकिन 21 जून 2021 से इस व्यवस्था को इसलिए बंद किया गया क्योंकि इसकी वजह से ना सिर्फ आम लोगों की निजता प्रभावित हो रही थी बल्कि सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा था.

प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था को बंद करने के पहले सर्टिफाइड कॉपी के आधार पर 1 साल में सरकार को ढाई करोड़ का राजस्व मिला था. लेकिन व्यवस्था के बंद होने के 8 माह के भीतर ही सरकार को 5 करोड़ का राजस्व मिला है. बिधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झारखंड में आदिवासी और मूलवासी के जमीन की लूट हो रही है. भू-माफिया और अधिकारी गठजोड़ से कारोबार चल रहा है. इसी वजह से डीड देखने की ऑनलाइन व्यवस्था हटा दी गई.

Last Updated : Mar 10, 2022, 4:09 PM IST
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