रांचीः जिला बार एसोसिएशन के बैंक एकाउंट से 19.38 लाख रुपये का गबन किया गया है. यह खुलासा ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद एसेसिएशन के पूर्व महासचिव कुंदन प्रकाशन ने लेखा लिपिक ज्योति कुमारी के खिलाफ 19.38 लाख रुपये गबन की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज कराई है.
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प्राथमिकी में कहा गया है कि ज्योति कुमारी ने आपराधिक षड्यंत्र करते हुए बिना सूचना के जिला बार एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग किया है. इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. एसोसिएशन चुनाव से पहले भी इस मुद्दे को उठाया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. अब प्राथमिकी दर्ज हो गई है. पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर छानबीन शुरू कर दी है.
ऑडिट रिपोर्ट से हुआ गबन का खुलासा
पुलिस को दी लिखित शिकायत में कुंदन प्रकाशन ने कहा है कि एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक वार्षिक ऑडिट झारखंड राज्य के विधिक परिषद की ओर से भेजे गये ऑडिटर अंकित माहेश्वरी की देखरेख में किया गया. 25 सितंबर को ऑडिटर ने रिपोर्ट जिला बार एसोसिएशन को भेजा. ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद गबन की जानकारी मिली. कुंदन प्रकाशन के अनुसार एसोसिएशन को शपथ पत्र, बेल बांड, हाजिरी पेपर, वकालतनामा और अन्य स्त्रोतों से हुई आय में से 11 लाख 29 हजार 440 रुपये रांची बार एसोसिएशन के खाते में जमा नहीं किए गए.
इसके साथ ही दूसरे मद में एसोसिएशन को मिले 808632 रुपये भी बैंक खाते में जमा नहीं किए गए. उन्होंने लिखित शिकायत में यह भी कहा है कि शपथ पत्र रांची जिला बार एसोसिएशन के पुराने बार भवन से बेचने का काम एसोसिएशन के कर्मचारी शैलेंद्र कुमार करते थे. फिलहाल इसकी जिम्मेदारी लिपिक राजा कुमार पर है. इसके साथ ही बेल बांड, वकालतनामा, हाजिरी पेपर, वेलफेयर टिकट आदि बेचने की जिम्मेदारी लिपिक संदीप मिंज, उपेंद्र महतो, मैनुल अंसारी की है. ये लोग प्रतिदिन दिन प्राप्त आय का ब्यौरा लेखा लिपिक ज्योति कुमारी को देते थे.
ऑडिट के समय से गायब है ज्योति
कुंदन की लिखित शिकायत में कहा गया है कि ऑडिट के समय ऑडिटर की ओर से बार-बार लेखा लिपिक ज्योति कुमारी को आवश्यक कागजात के साथ बुलाया गया, लेकिन ज्योति कुमारी उपस्थित नहीं हुई. ज्योति कुमारी अपने पिता की बीमारी का बहाना बनाकर गायब रही. बता दें कि ज्योति की बार एसोसिएशन में नियुक्ति 11 फरवरी 2020 को हुई थी. दो नवंबर 2020 से 16 जुलाई 2021 तक और 29 जुलाई 2021 से सात अगस्त 2021 तक लेखा लिपिक के रूप में कार्य किया है.