रांची: सातवें वेतनमान के तहत शिक्षकों को एरियर देने के नाम पर रांची यूनिवर्सिटी ने राज्य सरकार से 50 करोड़ की राशि अधिक लेने के मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर एक जांच टीम गठित की गई है. यह टीम 9 जुलाई 2019 को पहली बार आरयू पहुंची थी और मामले की जांच को लेकर पूछताछ भी वीसी से किया गई थी. शुक्रवार को भी टीम विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंची और वीसी रमेश कुमार पांडे से पूछताछ कर कई संबंधित फाइल अपने साथ ले गई. हालांकि मामले में अभी जांच का दौर लंबा चलने वाला है.
बता दें कि यह मामला साल 2018 का है. विवि की ओर से वेतनमान के एरियर भुगतान के लिए 860 शिक्षकों के बदले 1 हजार 13 शिक्षकों के नाम भेजे गए थे और उसके एवज में दी जाने वाली राशि से 50 करोड़ अधिक राशि आवंटित किया गया था. मामले को लेकर शिकायत मिली थी. शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय टीम गठित कर पूरे मामले की छानबीन का निर्देश दिया गया है. इसी के तहत टीम दोबारा शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पहुंची और मामले को लेकर एक बार फिर छानबीन की प्रक्रिया शुरू की. विभागीय टीम ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे से बंद कमरे में पूछताछ की है. साथ ही 1हजार 13 शिक्षकों से जुड़े कागजात भी अपने साथ ले गए हैं. हालांकि इस मामले को लेकर जांच की प्रक्रिया अभी लंबी चलेगी. जांच होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर गोलमाल कहां हुई है.
पढ़ें:आईएमए पासिंग आउट परेड : अलग अंदाज में अफसर बनें जेंटलमैन कैडेट्स
वहीं दूसरी ओर रांची विश्वविद्यालय में अनुकंपा समिति की एक विशेष बैठक आयोजित हुई. बैठक में वीसी रमेश कुमार पांडे, प्रति कुलपति कामिनी कुमार, रजिस्ट्रार के अलावा संबंधित सदस्य शामिल हुए. बैठक के दौरान सात संबंधित व्यक्तियों के फाइल और प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सहमति बनी है. सात लोगों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति किए जाने को लेकर समिति ने सहमति दी है. जल्द ही इस प्रस्ताव को अंतिम निर्णय के लिए विभाग भेजा जाएगा.