रांची: मनरेगा सहित कई घोटालों के आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना कर रखा हुआ था. झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड के एमडी के पद पर रहते हुए उन्होंने तरीके से काली कमाई की थी. ईडी ने निगम के पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक कुमार के घर छापेमारी की तो वहां से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए, जो सीधे तौर पर राज्य में हो रहे खनिज घोटाले में पूजा सिंघल की भूमिका को उजागर करता है.
अलग से एफआईआर होगी दर्ज: झारखंड खनिज विकास निगम लिमिटेड में कोयला उठाओ में हुई गड़बड़ी को लेकर ईडी अलग से कार्रवाई के मूड में है. निगम में कोयला उठाव को लेकर हुई गड़बड़ी मामले को लेकर ईडी के द्वारा झारखंड सरकार को एक पत्र भेजा जाना है. अपने पद का दुरुपयोग कर पूजा सिंघल ने किस तरह से खनिज निगम में अवैध कमाई की इसका पूरा साक्ष्य झारखंड सरकार को भेजा जाएगा. ईडी से मिली जानकारी के अनुसार पूरे मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार, कोक कारोबारी इजहार अंसारी और खनिज विकास निगम लिमिटेड के पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक कुमार समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की जाएगी. ईडी ने इससे पूर्व मनरेगा घोटाला और अवैध खनन मामले में भी अलग से एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी थी. अब जेएसएमडीसी मामले में ऐसी ही अनुशंसा भेजी जाएगी. शुक्रवार को हुई रेड में इजहार के घर से 3 करोड़ 58 लाख रुपये नगद बरामद हुए थे.
अशोक के जरिये अवैध कमाई: खनिज निगम का पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक कुमार को निलंबित आईएएस पूजा सिंघल का काफी करीबी था. कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल होने के बावजूद अशोक का निगम में तूती बोलती थी. अशोक कुमार के पास खनिज निगम में बालू और कोयला विभागों की कमान थी. पूजा सिंघल की मनरेगा घोटाले में गिरफ्तारी के बाद अशोक कुमार पर भी 74 लाख की गड़बड़ी करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उसे खनिज निगम से हटा दिया गया था.
कोयले के आवंटन में बड़ा खेल: दरअसल, पूजा सिंघल को गिरफ्तार करने के बाद ईडी अपनी जांच लगातार आगे बढ़ा रही थी, चार महीने से ईडी झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड में हुए घोटालों की फाइल को खंगाल रही थी. असल में खनिज निगम में कोयला आवंटन को लेकर पिछले पांच सालों लेकर बड़ा खेल हुआ है. खास बात यह है कि खनिज निगम से रियायती दर पर स्थानीय कारोबारियों को कोयला आवंटित होता रहा है. लेकिन पूजा सिंघल ने पद पर रहते हुए अशोक कुमार को आगे मिलीभगत कर कई ऐसी कंपनियों को कोयला उपलब्ध कराया जो सिर्फ कागजों पर ही थी.
जब फर्जी कंपनियों को रियायती दर पर कोयला मिल जाता तब उसी कोयले की तस्करी कर दी जाती और उसे ऊंची कीमत पर दूसरे राज्यों के बाजारों में बेच दिया जाता. बदले में मिलने वाली कमीशन की राशि पूजा सिंघल अपने पास रख लेती थी. ईडी के जांच में यह बात भी सामने आई थी कि अवैध रकम की उगाही के लिए पूजा सिंघल अपने कुक अमित कुमार के मोबाइल नंबर पर बने फेसटाइम से लिस्ट सुमन कुमार को भेजती थीं. सुमन कुमार के मोबाइल में यह नंबर सीएमओ के नाम से सेव किया गया था. सुमन कुमार ने पूछताछ में यह कबूल किया था कि इस नंबर से ही पैसे उगाही की बात होती थी.