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पुलिस गेस्ट हाउस में सामूहिक दुष्कर्म मामला, बदले जाएंगे अनुसंधानकर्ता, चलेगा स्पीडी ट्रायल

रांची के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इस मामले में केस का अनुसंधानकर्ता बदला जाएगा. शुरुआत में मामला अपहरण की धारा में दर्ज हुआ था. पीड़िता का बयान सामने आने के बाद पॉक्सो और दुष्कर्म से मामले को जोड़ा गया है. पुलिस इस मामले में कोर्ट को स्पीडी ट्रायल के लिए अर्जी देगी.

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पुलिस गेस्ट हाउस में सामूहिक दुष्कर्म
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Published : Sep 23, 2020, 10:25 PM IST

रांची: शहर के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में केस का अनुसंधानकर्ता बदला जाएगा. चूंकि शुरुआत में मामला अपहरण की धारा में दर्ज हुआ था, उस समय केस का अनुसंधानकर्ता एएसआई नरेश कुमार यादव को बनाया गया था. पीड़िता का बयान सामने आने के बाद पॉक्सो और दुष्कर्म से मामले को जोड़ा गया है. पॉक्सो की धारा होने की वजह से केस का अनुसंधानकर्ता बदलकर एएसआई की जगह सब इंस्पेक्टर को रखा जाएगा.

स्पीडी ट्रायल होगा केस का
रांची पुलिस ने इस मामले को स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सजा दिलाने का फैसला लिया है. पुलिस इस मामले में कोर्ट को स्पीडी ट्रायल के लिए अर्जी देगी. दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजे गए एएसआई राजकुमार शर्मा को रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने सस्पेंड कर दिया था. एएसआई पर लगे आरोप की पुष्टि कोर्ट में हो जाती है, तो विभागीय प्रक्रिया के अनुसार उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. आरोपी राजकुमार शर्मा सीसीआर में पोस्टेड था. आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. सबसे पहले पीड़िता को आरोपित एएसआई ने ही शिकार बनाया था. उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात हैं. एएसआई के जाने के बाद नाबालिग पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. विपुल ने पूरी रात पुलिस गेस्ट हाउस में दुष्कर्म किया था. इसके बाद सुबह पीड़िता को ओला कैब बुक कर पलामू के डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रुकी थी. इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया. आरोपित एएसआई राजकुमार शर्मा कंपोजिट कंट्रोल रूम में पोस्टेड है.

इसे भी पढे़ं:- पलामू के पश्चिमी भाग से टीएसपीसी का सफाया, टॉप कमांडर गिरेंद्र गिरफ्तार

12 अगस्त को हुआ था अपहरण
पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी. इसके बाद आरोपितों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग की पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज हुआ था. नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के सामने 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था. उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है. नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. इस दौरान उसका दोस्त शर्मा जी वहां मिला था. शर्मा जी ने 500 रुपये देकर विपुल को खाना लाने भेज दिया था. इसके बाद शर्मा जी ने सबसे पहले नाबालिक के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. वापस आने पर विपुल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद ओला कैब से डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी. पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था.

रांची: शहर के ओल्ड पुलिस लाइन स्थित गेस्ट हाउस में 14 वर्ष की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में केस का अनुसंधानकर्ता बदला जाएगा. चूंकि शुरुआत में मामला अपहरण की धारा में दर्ज हुआ था, उस समय केस का अनुसंधानकर्ता एएसआई नरेश कुमार यादव को बनाया गया था. पीड़िता का बयान सामने आने के बाद पॉक्सो और दुष्कर्म से मामले को जोड़ा गया है. पॉक्सो की धारा होने की वजह से केस का अनुसंधानकर्ता बदलकर एएसआई की जगह सब इंस्पेक्टर को रखा जाएगा.

स्पीडी ट्रायल होगा केस का
रांची पुलिस ने इस मामले को स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सजा दिलाने का फैसला लिया है. पुलिस इस मामले में कोर्ट को स्पीडी ट्रायल के लिए अर्जी देगी. दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजे गए एएसआई राजकुमार शर्मा को रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने सस्पेंड कर दिया था. एएसआई पर लगे आरोप की पुष्टि कोर्ट में हो जाती है, तो विभागीय प्रक्रिया के अनुसार उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. आरोपी राजकुमार शर्मा सीसीआर में पोस्टेड था. आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. सबसे पहले पीड़िता को आरोपित एएसआई ने ही शिकार बनाया था. उसने पीड़िता को बताया था कि रांची के एक प्रतिष्ठित होटल में उसका बीयर बार चलता है और वह पीसीआर में भी तैनात हैं. एएसआई के जाने के बाद नाबालिग पीड़िता के इंस्टाग्राम फ्रेंड विपुल ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. विपुल ने पूरी रात पुलिस गेस्ट हाउस में दुष्कर्म किया था. इसके बाद सुबह पीड़िता को ओला कैब बुक कर पलामू के डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां पीड़िता अपने परिचित दोस्त करण के यहां रुकी थी. इस घटना में शामिल विपुल और करण को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पीड़िता का बयान सामने आने के बाद मामले में हलचल हुई और एसआई राजकुमार शर्मा पकड़ा गया. आरोपित एएसआई राजकुमार शर्मा कंपोजिट कंट्रोल रूम में पोस्टेड है.

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12 अगस्त को हुआ था अपहरण
पीड़िता के पिता के अनुसार नाबालिग बीते 12 अगस्त को ट्यूशन जाने के नाम पर घर से निकली थी. इसके बाद आरोपितों के बहकावे में आकर ट्रैप हो गई थी और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को लेकर 13 अगस्त को नाबालिग की पिता की शिकायत पर अपहरण का केस लोअर बाजार थाना में दर्ज हुआ था. नाबालिग को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के सामने 18 अगस्त को बयान दर्ज कराया गया था. उसी बयान में यह बात सामने आई थी कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है. नाबालिग ने बताया था कि वह अपने इंस्टाग्राम दोस्त विपुल से मिलने के लिए पुरानी पुलिस लाइन के पास पहुंची थी. इस दौरान उसका दोस्त शर्मा जी वहां मिला था. शर्मा जी ने 500 रुपये देकर विपुल को खाना लाने भेज दिया था. इसके बाद शर्मा जी ने सबसे पहले नाबालिक के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. वापस आने पर विपुल ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. इसके बाद ओला कैब से डाल्टनगंज भेज दिया था, जहां नाबालिग अपने परिचित करण के घर में रुक गई थी. पुलिस ने वहीं से नाबालिग को बरामद किया था.

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