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बिना राशनकार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दे केंद्र सरकारः इंटक - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना

कोविड-19 संकट के मद्देनजर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) और कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की मांग की है. केएन त्रिपाठी ने केंद्र सरकार से अपील की है कि मजदूरों को पांच किलो अनाज हर माह इन्हें मुफ्त दिया जाए.

kn tripathi
कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी
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Published : Apr 29, 2021, 3:18 PM IST

नई दिल्लीः राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) और कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को कोराना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन तक मुफ्त राशन दिया जाए.

देखें पूरी खबर

त्रिपाठी ने बताया कि बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब आठ करोड़ है. यह अब अपने-अपने राज्यों की ओर लौट रहे हैं. जो हैं भी वे कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप होने से परेशान हैं. यह लोग सरकारी राशन दुकान पर जा रहे हैं पर कार्ड न होने से इनको राशन नहीं मिल पा रहा है. संकट के इस दौर में प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस समस्या पर तुरंत ध्यान दे. त्रिपाठी ने मांग की कि पांच किलो अनाज मुफ्त में इन लोगों को हर महीने दिया जाए.

ये भी पढ़ें-झारखंड में 6 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, दोपहर दो बजे तक ही खुली रहेंगी दुकानें

बता दें पिछले वर्ष बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज दिया गया था. आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 5 किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो चना दिया गया था लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है जबकि बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन हो चुका है. भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है.

इन्हें मिल रही सहायता

बता दें कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई एवं जून महीने के लिए अलग से पांच किलो मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है. इस पर 26,000 करोड़ रुपया केंद्र सरकार खर्च करेगी. राशनकार्ड धारकों को यह सुविधा दी जा रही है.

नई दिल्लीः राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) और कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को कोराना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन तक मुफ्त राशन दिया जाए.

देखें पूरी खबर

त्रिपाठी ने बताया कि बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब आठ करोड़ है. यह अब अपने-अपने राज्यों की ओर लौट रहे हैं. जो हैं भी वे कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप होने से परेशान हैं. यह लोग सरकारी राशन दुकान पर जा रहे हैं पर कार्ड न होने से इनको राशन नहीं मिल पा रहा है. संकट के इस दौर में प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस समस्या पर तुरंत ध्यान दे. त्रिपाठी ने मांग की कि पांच किलो अनाज मुफ्त में इन लोगों को हर महीने दिया जाए.

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बता दें पिछले वर्ष बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज दिया गया था. आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 5 किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो चना दिया गया था लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है जबकि बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन हो चुका है. भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है.

इन्हें मिल रही सहायता

बता दें कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई एवं जून महीने के लिए अलग से पांच किलो मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है. इस पर 26,000 करोड़ रुपया केंद्र सरकार खर्च करेगी. राशनकार्ड धारकों को यह सुविधा दी जा रही है.

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