नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति के कारण मजदूरों की स्थिति दयनीय है. इसे लेकर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) और कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने आवाज उठाई है. उन्होंने केंद्र सरकार से मजदूरों के हित में मांग की है.
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झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के सामने रोजगार और अन्न का संकट पैदा हो गया है. इन सब से प्रवासी मजदूरों को बचाने की जररुत है. उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि प्रवासी मजदूरों के खाते में प्रत्येक महिने 7 हजार रुपया डाले, ताकि जीवन यापन में मजदूरों को परेशानी ना हो. जब तक देश में स्थिति सामान्य नहीं हो जाता तब तक सरकार को मुफ्त में राशन बांटनी चाहिए, ये मजदूरों के लिए राहत जैसी होगी.
राज्य सरकारों से मांग है कि जो भी प्रवासी मजदूर वापस लौट के अपने राज्य में आ रहे हैं, उन मजदूरों को हुनर के हिसाब से अपने ही राज्य में रोजगार दिया जाए. अगर मजदूरों को अपने राज्यों में रोजगार मिलने लगेगा तो उनके दूसरे राज्यों में जाने की जररुत नहीं पड़ेगी. मजदूरों की मदद के लिए सभी को एकजुट हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी पूरी कोशिश है कि कोई भी प्रवासी मजदूर, भुखमरी और बेरोजगारी के चलते ना मरे. उन्होंने कहा कि यूपी, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण उनका कामकाज बंद हो चुका है. ऐसे में केएन त्रिपाठी ने मांग की है कि मजदूरों को शेल्टर, दवा और पानी मुहैया कराया जाए.