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झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण कार्य में रुकावट से नाराज

संभावित थर्ड वेव से निपटने की तैयारी को लेकर रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बदलने के लिए किए जा रहे कार्यों के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court ) में सुनवाई हुई.

Interruption in the construction work of Super Specialty Hospital in ranchi
JHARKHAND HIGH COURT: जानिए सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण कार्य में किसने डाली रुकावट, अदालत ने लगाई फटकार
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Published : Jul 22, 2021, 7:24 PM IST

रांची: सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में तब्दील करने के लिए हो रहे निर्माण को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी (Vijeta construction company) ने कोर्ट को जानकारी दी कि निर्माण कार्य 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन उन्हें टर्मिनेट करने संबंधित नोटिस (terminate notice) दे दिया गया है, ऐसे में काम कैसे कर सकते हैं.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता ने दी जानकारी

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कोर्ट ने लगाई फटकार

अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार के अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि जब मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में लंबित है, तो बिना अदालत से पूछे कैसे नोटिस जारी किया गया. सरकार तो ऐसे ही अवमानना में है कि समय से काम पूरा नहीं कर सकी. अब काम हो रहा है, तो अड़ंगा लगा रही है. आनन-फानन में भवन निर्माण सचिव को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया. अदालत के आदेश के आलोक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने कहा कि बिना कोर्ट से पूछे आपने कैसे नोटिस जारी कर दिया. अदालत काम पूरा करवाना चाहती है. साप्ताहिक कार्य पूर्ण करने संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा गया है.

कंपनी की लेटलतीफी पर नोटिस

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के दौरान राजधानी रांची के सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने के चल रहे कार्य के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश के आलोक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण सचिव उपस्थित हुए अदालत को बताया कि कार्य में कंपनी की ओर से लेटलतीफी की जा रही थी, इसी कारण से उन्हें टर्मिनेट करने का नोटिस जारी किया गया. अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब काम पूरा होने की कगार पर है, तो बिना अदालत की अनुमति के कैसे नोटिस जारी किया गया. अदालत ने निर्माण कंपनी को कार्य पूर्ण कर प्रत्येक सप्ताह प्रोग्रेस रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंस्ट्रक्शन नमक कंपनी की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि 30 सितंबर तक निर्माण कार्य अधूरे हैं, उसे पूर्ण कर लिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल मामले पर हाई कोर्ट ने अधिकारी को लगाई फटकार, पूछा- बताइए क्या-क्या व्यवस्था किए हैं

29 जुलाई को अगली सुनवाई
रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) को 500 बेड के अस्पताल में तब्दील करने को लेकर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से दायर अवमानना की याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि वो 30 सितंबर तक कार्य पूरे कर ही लेंगे, लेकिन उन्हें टर्मिनेट करने का नोटिस दे दिया गया था. विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि इस नोटिस को तत्काल स्थगित कर दिया गया है. इस पर अदालत ने कंपनी को निर्माण कार्य शुरू कर सप्ताहिक रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.

रांची: सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में तब्दील करने के लिए हो रहे निर्माण को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी (Vijeta construction company) ने कोर्ट को जानकारी दी कि निर्माण कार्य 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन उन्हें टर्मिनेट करने संबंधित नोटिस (terminate notice) दे दिया गया है, ऐसे में काम कैसे कर सकते हैं.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता ने दी जानकारी

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कोर्ट ने लगाई फटकार

अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार के अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि जब मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में लंबित है, तो बिना अदालत से पूछे कैसे नोटिस जारी किया गया. सरकार तो ऐसे ही अवमानना में है कि समय से काम पूरा नहीं कर सकी. अब काम हो रहा है, तो अड़ंगा लगा रही है. आनन-फानन में भवन निर्माण सचिव को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया. अदालत के आदेश के आलोक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने कहा कि बिना कोर्ट से पूछे आपने कैसे नोटिस जारी कर दिया. अदालत काम पूरा करवाना चाहती है. साप्ताहिक कार्य पूर्ण करने संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा गया है.

कंपनी की लेटलतीफी पर नोटिस

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के दौरान राजधानी रांची के सदर अस्पताल को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने के चल रहे कार्य के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश के आलोक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण सचिव उपस्थित हुए अदालत को बताया कि कार्य में कंपनी की ओर से लेटलतीफी की जा रही थी, इसी कारण से उन्हें टर्मिनेट करने का नोटिस जारी किया गया. अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब काम पूरा होने की कगार पर है, तो बिना अदालत की अनुमति के कैसे नोटिस जारी किया गया. अदालत ने निर्माण कंपनी को कार्य पूर्ण कर प्रत्येक सप्ताह प्रोग्रेस रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंस्ट्रक्शन नमक कंपनी की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि 30 सितंबर तक निर्माण कार्य अधूरे हैं, उसे पूर्ण कर लिया जाएगा.

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29 जुलाई को अगली सुनवाई
रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) को 500 बेड के अस्पताल में तब्दील करने को लेकर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से दायर अवमानना की याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि वो 30 सितंबर तक कार्य पूरे कर ही लेंगे, लेकिन उन्हें टर्मिनेट करने का नोटिस दे दिया गया था. विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि इस नोटिस को तत्काल स्थगित कर दिया गया है. इस पर अदालत ने कंपनी को निर्माण कार्य शुरू कर सप्ताहिक रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.

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