रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में सोमवार को अंतरराष्टीय महिला दिवस मनाया गया. इस समारोह में विवि की महिला वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्राएं और महिला किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि देश-विदेश में कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार के क्षेत्र में महिलाएं उल्लेखनीय कार्य कर रहीं हैं. खेत की मिट्टी तैयार करने से लेकर फसल उत्पादन तक, फसल तैयार होने के बाद फसल का भंडारण, मार्केटिंग समेत तमाम कार्यों में ग्रामीण महिलाएं अपनी भूमिका निभाती हैं. कुलपति ने कहा कि एक तरह से ग्रामीण महिलाएं अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं.
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कुलपति ने कहा कि झारखंड के कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान 60 प्रतिशत से भी अधिक है. वास्तव में पूरी दुनिया में महिलाएं परिवार के पालन-पोषण एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और विकास की रीढ़ हैं. इस मौके पर अतिथि महिला कृषकों को कृषि अभियंत्रण विभाग की ओर से मक्का एवं सब्जी फसलों के उत्पादन में काम आने वाले वाली कृषि यंत्र भी बांटे गए. डीन एग्रीकल्चर डॉ. एमएस यादव ने कहा कि समय के साथ-साथ महिलाओं की स्थिति में व्यापक बदलाव और सुधार आया है. डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने पशुपालन क्षेत्र में महिलाओं के काम पर प्रकाश डाला. डायरेक्टर रिसर्च डॉ अब्दुल वदूद ने महिला सुरक्षा पर जागरुकता पर बल दिया. कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के एसोसिएट डीन प्रो. डीके रुसिया ने कहा कि महिलाओं के सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्व में अधिकाधिक योगदान को देखते हुए पुरुषों को इनका सम्मान करना चाहि. इस मौके पर महिला वैज्ञानिक डॉ. नूतन वर्मा, डॉ. स्वाती सहाय, डॉ. सुप्रिया सिंह, डॉ. नंदिनी कुमारी व डॉ. स्वाति शबनम ने महिलाओं को समाज की धुरी बताया.