रांचीः बिहार से अलग होने के बाद झारखंड का इंटर यूनिवर्सिटी बोर्ड का गठन नहीं किया जा सका है. इस बोर्ड से जुड़ी तमाम शक्तियां उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक के अधिकार क्षेत्र में निहित कर दिया गया है. लगातार इस बोर्ड के गठन को लेकर विश्वविद्यालयों की ओर से मांग उठाई जा रही है, लेकिन इस ओर फिलहाल राज्य सरकार का ध्यान नहीं है.
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उच्च शिक्षा के बेहतरी के लिए बेहद जरूरी बोर्ड का गठन
बोर्ड का गठन नहीं होने से कई परेशानियां राज्य के विश्व विद्यालय प्रबंधकों को हो रही है. इस दिशा में अब तक राज्य सरकार की ओर से एक भी कदम नहीं बढ़ाया गया है. जबकि विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से इसकी मांग की जाती रही है. इंटर स्टेट यूनिवर्सिटी बोर्ड के गठन हो जाने के बाद विश्वविद्यालयों से संबंधित कई परेशानियों को आसानी से दूर किया जा सकता है. एकेडमिक गतिविधियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम गतिविधियों की जानकारी बोर्ड के पास रहती है और बोर्ड अपने स्तर पर तमाम दिशा निर्देश जारी करता है. विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों शिक्षकों अधिकारियों के प्रमोशन इंक्रीमेंट, शिक्षकों की गतिविधियां तमाम विश्वविद्यालयों से जुड़ी एकेडमिक कैलेंडर के आलावा विश्वविद्यालय से जुड़ी हर वह जानकारी इस बोर्ड के पास रखी जाती है.
एक मंच पर तमाम विश्वविद्यालयों को लाने का उद्देश्य
तमाम विश्वविद्यालयों को एक मंच पर लाकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की ओर से अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है. उच्च शिक्षा विभाग की निगरानी में यह बोर्ड संचालित होता है. फिलहाल झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक के पास बोर्ड से जुड़ी तमाम शक्तियां निहित कर दी गई है. ऐसे में इस राज्य में झारखंड स्टेट इंटर यूनिवर्सिटी बोर्ड के गठन को लेकर फिलहाल कोई पहल नहीं दिख रहा है, लेकिन राज्य के उच्च शिक्षा के लिए यह बोर्ड बेहद ही जरूरी है.