रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ऑडिटोरियम में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कही जाने वाली सहिया बहनों को सम्मानित करने के लिए राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली सहिया बहनों को सम्मानित किया गया और उन्हें भविष्य में बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया. मंच से जहां प्रोत्साहन और सम्मान देने की बात हो रही थी वहीं मंच के नीचे सहियाओं से वेटर का काम लिया जा रहा था. (Insult of Sahiya in state level conference).
राज्यस्तरीय सम्मेलन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सहियाओं को सम्मान के अंतर्गत मिलने वाली राशि को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बात की जाएगी ताकि सहिया बहनों को सही सम्मान मिल सके. वहीं अधिकारियों ने बताया कि इस सम्मान को इसलिए भी शुरू किया जा रहा है ताकि सहिया बहनों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बने और वह एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर बढ़िया काम करने के लिए प्रेरित हो.
यह सब बातें अधिकारी और मंत्री मंच पर बोल रहे थे लेकिन उसी मंच पर एक और तस्वीर देखने को मिली जिस तस्वीर में सहिया बहनें मंत्री और अधिकारियों को चाय पिलाती नजर आई. इस तस्वीर को लेकर हमने जब सहिया बहनों से बात की तो सहिया बहनों ने बताया कि निश्चित रूप से जो तस्वीर देखने को मिल रही है वह कहीं ना कहीं अपने आप में सवाल खड़े करती है. सवाल यह है कि जब एक सहिया को सम्मानित कर उनको प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम में चाय पिलाने का काम सहिया बहनों से क्यों कराया जा रहा है? इसके लिए कार्यक्रम में कई मजदूर मौजूद होंगे.
जिस तस्वीर को हम आपको दिखा रहे हैं वह सहिया के लिए राज्यस्तरीय सम्मेलन के कार्यक्रम की है. इसी कार्यक्रम के दौरान बेड़ो की पुष्पा और राखी नाम की सहिया मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की सहित विभिन्न अधिकारियों को चाय पिलाती नजर आ रही हैं. हमने जब इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉक्टर कृष्ण कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि जिस तरह की तस्वीर देखने को मिली है उसको लेकर यही कहा जा सकता है कि सहिया बहनो को किसी भी अधिकारी या कार्यक्रम के संयोजक की तरफ से चाय पहुंचाने के लिए नहीं कहा गया था. वह अपने मन से मंच पर चाय पहुंचाने पहुंची थी.
वहीं हमने जब चाय पहुंचाने वाली स्वास्थ्य सहिया पुष्पा और राखी से बात की तो ने बताया कि मंच पर मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि चाय लेकर जाएं, जिसके बाद वह लोग अपनी तरफ से चाय लेकर गई थी. अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ सहिया बहनों को सम्मानित किया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ मंच पर चाय मंगाने की क्या आवश्यकता पड़ गई.
बता दें कि झारखंड सरकार एवं एकजुट संस्था के संयुक्त तत्वाधान और चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन के सहयोग से रिम्स ऑडिटोरियम में राज्यस्तरीय सहिया सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के सभी प्रखंडों से लगभग 700 सहियाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान बेहतर कार्य करने वाली सहियाओं को सम्मानित भी किया गया. सम्मेलन में मुख्य अथिति के रूप में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सहिया और विभाग के बीच में बेहतर समन्वय स्थापित हो इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हमारी सरकार काम कर रही है. गठबंधन की सरकार का लक्ष्य सुखी और समृद्धि झारखंड बनाने का है. हमारा लक्ष्य है कि विभाग की कमियों-खामियों को दूर करते हुए अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ सुविधा दे सकें.
उन्होंने कहा कि राज्य की 42464 सहिया बहनों पर हम सभी को नाज है. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उस सरकार ने लाठी से मारने का काम किया था. लेकिन हमारी सरकार ने सहियाओं का मूंह मीठा करवाने का काम किया है. कोरोना काल में सहिया के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. सहिया स्वास्थ्य की दिशा और दशा की मजबूत कड़ी है. यही वजह है कि शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है. संस्थागत प्रसव में हमारे राज्य ने बेहतर प्रदर्शन किया है. कुपोषण दूर करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं और इसके क्रियान्वयन में सहियाओं की भूमिका अहम रही है.
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ कृष्ण कुमार, रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, पद्मश्री मुकुंद नायक, एनएचएम के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक पंकज, एकजुट संस्था की डॉ निर्मला और प्रशांत त्रिपाठी मौजूद रहे.