रांची: गर्मी शुरू होने पर ग्लोबल वार्मिंग को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission NHM) ने झारखंड के सभी जिले के सिविल सर्जनों को हीट रेडिएशन इलनेस(Heat Radiation Illness) का सर्विलांस करने और मुख्यालय को प्रतिदिन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा लू (हीट स्ट्रोक) के मरीजों के इलाज के लिए सभी तैयारियां पूरी करने को कहा गया है.
इसे भी पढ़ें: रांची में डॉक्टर की पत्नी ने किया सुसाइड, घर मे फंदे से लटका मिला शव
जिलों के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक (Heat stroke) के मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था रखने को कहा गया है. वहीं डॉक्टर्स, नर्से और अन्य मेडिकल स्टाफ को हीट रिलेटेड इलनेस से निपटने के लिए विशेष उन्मुखीकरण ट्रेनिंग देने का निर्देश भी मुख्यालय की ओर से दिया गया है. हीट स्ट्रोक के मरीजों को तत्काल चिकित्सा उपलब्ध हो इसके लिए जिले और प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम तैयार रखने को कहा गया है. सभी जिलों को हीट वेव की वजह से बीमार हुए मरीजों के लिए जरूरी ओआरएस, आईवी फ्लूइड, दवा की व्यवस्था करने, अस्पतालों में ओआरएस कॉर्नर खोलने, ओपीडी में हर मरीज की लू से सम्बंधित जांच करने, बच्चे, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा गया है.
स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी पत्र में क्या है: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखण्ड की ओर से जारी पत्र में लोगों को हीट वेव से बचाने के उपाय बताने का निर्देश दिया गया है. लोगों को नशीली पदार्थों, चाय कॉफी, कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक से परहेज करने, मौसम और हीट वेव की जानकारी लेते रहने, हल्के और ढीले ढाले कपड़े पहनने, यात्रा के दौरान पानी का बोतल रखने और ओआरएस, नींबू पानी और कच्चे आम का रस पीने की सलाह देने का निर्देश दिया गया है.